उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों को अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना व राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत सूचीबद्ध चिकित्सालयों द्वारा निशुल्क उपचार नहीं दिए जाने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा दंडात्मक कार्यवाही अमल में लाई गई है राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने एक महत्वपूर्ण आदेश निर्गत किए हैं. ऐसे में सभी अस्पतालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं जो कोरोना संक्रमित मरीजों को निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार निशुल्क व कैशलेस उपचार नहीं दे रहे हैं. कोटिया द्वारा योजना के लाभार्थियों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने के दौरान सूचीबद्ध चिकित्सालयों को आयुष्मान कार्ड प्रस्तुत करने के बावजूद भी उनसे निशुल्क उपचार देने के स्थान पर पैसे लिए जाने पर खेद व्यक्त किया है.
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा देहरादून के चार बड़े अस्पताल जिनमें महंत इंद्रेश हॉस्पिटल, सीएमआई हॉस्पिटल, वेलमेड हॉस्पिटल और कालिंदी हॉस्पिटल पर दंडात्मक कारवाही करने के लिए नोटिस पत्र जारी किया गया है. प्राधिकरण ने पत्र के माध्यम से अस्पतालों को स्पष्ट कर दिया गया है कि इसके उपरांत भी अधिक चिकित्सालयों द्वारा आयुष्मान कार्ड धारकों को प्रोटोकॉल के तहत मुफ्त कैशलेस उपचार नहीं दिया जाता है तो संबंधित चिकित्सालय के विरुद्ध कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
प्राधिकरण का कहना है कि वह ऐसे सभीअस्पतालों पर नियमानुसार अविलंब कार्रवाई की जाएगी जो आयुष्मान कार्ड धारकों को कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार सुविधाएं नहीं दे रहे हैं. डाक्टरों द्वारा ऐसे मरीजों से धनराशि भी ली जा रही है प्राधिकरण अध्यक्ष ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए विधिक कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश दिए हैं.