देहरादून: 2016 में कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में आए हरक सिंह रावत को भारतीय जनता पार्टी ने सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया है।
बीजेपी से बाहर किए जाने के बाद अब खबर है कि हरक सिंह रावत आज दिल्ली में कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। वहीं दिल्ली में हरक सिंह रावत ने अपने निष्कासन पर मीडिया से बात करते हुए कहा- सोशल मीडिया पर चले एक मनगढ़ंत समाचार को आधार बनाकर बीजेपी ने इतना बड़ा निर्णय ले लिया जबकि मेरे सबसे अच्छे संबंध थे लेकिन उन्होंने मुझे से बिना बात किए हुए इतना बड़ा निर्णय ले लिया।
हरक ने आगे कहा- मुझे लगता है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि। मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में अगर नहीं आया होता था तो मैं बीजेपी को 4 साल पहले ही छोड़ देता। मुझे कोई मंत्री पद का शौक नहीं है। मैं सिर्फ काम करना चाहता था। मैं अब कांग्रेस पार्टी से बात करूंगा और उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से आने वाली है। हरक ने कहा कि मैं अब कांग्रेस से बातचीत करूंगा और मैं कांग्रेस में ही जाऊंगा और किसी पार्टी में नहीं जाऊंगा और बिना शामिल हुए भी मैं कांग्रेस के लिए काम करूंगा।
वहीं हरक सिंह रावत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बड़ा बयान सामने आया है। हरक के सवाल पर धामी ने कहा कि उत्तराखंड बीजेपी में कोई टूट नहीं है। हमने हरक सिंह रावत क साथ लेकर चलने की पूरी कोशिश की। धामी ने कहा कि हरक सिंह रावत परिवार के सदस्यों के लिए टिकट का दबाव बना रहे थे लेकिन बीजेपी में परिवार वाद हावी नहीं है। धमी ने कहा कि उत्तराखंड में बीजेपी एक परिवार में एक ही व्यक्ति को टिकट देगी।
आपको बता दें कि नौ कांग्रेसी विधायकों के साथ हरक सिंह रावत 2016 में हरीश रावत का साथ छोड़ भाजपा में आए थे। तब भाजपा ने न सिर्फ उन्हें कोटद्वार से टिकट देकर उम्मीदवार बनाया बल्कि कैबिनेट मंत्री भी बनाया। पूर्व मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके लगभग चार साल के कार्यकाल में हरक का छत्तीस का आंकड़ा बना रहा और कई मुद्दों पर दोनों में ठनी भी।
भाजपा ने जब त्रिवेंद्र को बदला तो एक बार उनकी महत्वाकांक्षा मुख्यमंत्री पद हासिल करने की भी हो चली थी। तीरथ सिंह रावत और पुष्कर सिंह धामी की ताजपोशी से उनके मंसूबों पर पानी फिर गया था। उनकी नाराजगी की खबरें लगातार आती रहीं। जानकारी के अनुसार एक ओर तो हरक कोटद्वार की सीट बदलने और परिवार के तीन लोगों के लिए टिकट की मांग कर वह भाजपा पर लगातार दबाव बना रहे थे।
रविवार को दिल्ली रवाना हो गए। जाते वक्त मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि कि जिस तरह हरीश भाई ने अपने पत्ते खोलने की बात कही है, वैसे ही अभी मेरे पत्ते भी खुलने बाकी हैं। पिछले तीन दिन में हरक सिंह रावत दूसरी बार दिल्ली गए हैं। जिसके बाद अब बीजेपी ने हरक पर बड़ी कार्रवाई की है।