नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 सम्मेलन में शामिल होने के लिए गुरुवार को इटली रवाना हो गए। यह प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा है। इटली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी जी-7 से इतर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात कर सकते हैं।
जी-7 का पूरा नाम ग्रुप ऑफ सेवन (G-7) है जो एक अनौपचारिक वैश्विक मंच है। यह समूह इटली, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका को एक साथ लाने का काम करता है। यूरोपीय संघ भी समूह में भाग लेता है। 1973 के ऊर्जा संकट के जवाब में आर्थिक और वित्तीय सहयोग के लिए एक मंच के रूप में जी-7 की स्थापना की गई थी। पहला शिखर सम्मेलन 1975 में फ्रांस में आयोजित किया गया था जिसमें फ्रांस, अमेरिका, यूके, जर्मनी, जापान और इटली शामिल थे। हालांकि, 1976 में कनाडा भी शामिल हो गया जोकि जी-7 का वर्तमान स्वरूप भी है। 1997 से 2013 के बीच G-7 का विस्तार G8 में हुआ, जिसमें रूस भी शामिल हो गया। हालांकि, 2014 में क्रीमिया के नियंत्रण में लेने के बाद रूस की भागीदारी निलंबित कर दी गई थी। हर साल 1 जनवरी से शुरू होकर कोई एक सदस्य देश बारी-बारी से समूह का नेतृत्व संभालता है। 1 जनवरी, 2024 को इटली ने जापान के बाद अध्यक्षता संभाली और 31 दिसंबर, 2024 को इसे कनाडा को सौंप देगा। शिखर सम्मेलन में सात सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख, यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि और अध्यक्ष द्वारा आमंत्रित देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन भाग लेते हैं।
इटली में तीन दिवसीय जी-7 शिखर सम्मेलन का आगाज हो रहा है। 15 जून तक पुगलिया में बोर्गो एग्नाजिया में कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। जी-7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी इटली की अध्यक्षता के तहत हो रही है। तीन दिनों के सत्र के दौरान वैश्विक नेता मुख्य वैश्विक मुद्दों पर बात करेंगे। इस कार्यक्रम में सात सदस्य देशों (इटली, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूके और अमेरिका) के नेताओं के साथ-साथ यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष भी शामिल होंगे। इसके अलावा कई राष्ट्रों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि सत्रों में भाग लेंगे, जिन्हें इटली द्वारा आमंत्रित किया गया है। वैश्विक नेताओं में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलमजीद तेब्बौने, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा (जी20 अध्यक्ष), पोप फ्रांसिस, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय, केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो, मॉरिटानिया के राष्ट्रपति मोहम्मद औलद गजौनी (अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष), ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सईद, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद और तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोआन शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरेस, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के महासचिव मैथियास कोरमैन और अफ्रीकी विकास बैंक के अध्यक्ष अकिनवुमी अदेसिना शामिल हैं। जी-7 शिखर सम्मेलन में भारतीय पीएम की भागीदारी से उन्हें पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर आगे की जाने वाली कार्रवाई करने का भी अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने की भी उम्मीद है। इस सम्मेलन में मध्य पूर्व और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों पर चर्चा होने की उम्मीद है। विश्वभर के नेता इन जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने और समाधान के तरीकों की तलाश करेंगे। इसके अलावा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) एजेंडा के प्रमुख विषयों में शामिल किया गया है।
तीसरे कार्यकाल के पहले विदेश दौरे पर PM मोदी इटली रवाना
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