31.3 C
Dehradun
Saturday, July 12, 2025

आव्रजन और विदेशी विधेयक 2025 को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी; सरकार ने जारी की अधिसूचना

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही यह कानून बना गया है। अब भारत में प्रवेश करने, रहने या देश से बाहर जाने के लिए जाली पासपोर्ट या वीजा का उपयोग या उसे देने पर दो से सात वर्ष तक की कैद और एक लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के तुरंत बाद राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से इसे अधिसूचित भी कर दिया गया। इस विधेयक को लोकसभा ने 7 मार्च को और राज्यसभा ने दो अप्रैल को पारित किया था। नए कानून में होटलों, विश्वविद्यालयों, अन्य शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और नर्सिंग होम की ओर से विदेशियों के बारे में सूचना देना अनिवार्य करने का भी प्रावधान है, ताकि निर्धारित अवधि से अधिक समय तक ठहरने वाले विदेशियों पर नजर रखी जा सके। अब पहले से मौजूद पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1939, विदेशी अधिनियम, 1946, और आव्रजन (वाहक दायित्व) अधिनियम, 2000 निरस्त हो गए हैं।
विधेयक में प्रमुख प्रावधान यह है कि अगर कोई व्यक्ति भारत में प्रवेश करने, देश में रहने या देश से बाहर जाने के लिए जाली पासपोर्ट या वीजा का उपयोग करता पाया गया, तो उसे 7 वर्ष तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
भारत में प्रवेश करने या रहने या बाहर जाने के लिए जानबूझकर जाली या गलत तरीके से हासिल पासपोर्ट का उपयोग या आपूर्ति करने पर कम से कम दो वर्ष के कारावास का प्रावधान है। इसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। दोषी पाए जाने पर कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा, जिसे 10 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।
कोई विदेशी नागरिक अगर वैध पासपोर्ट या वीजा सहित अन्य यात्रा दस्तावेज के बिना भारत में प्रवेश करता है, तो उसे 5 वर्ष तक के कारावास या 5 लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
नया विधेयक केंद्र सरकार को उन स्थानों पर नियंत्रण करने का अधिकार देता है, जहां विदेशियों का अक्सर आना-जाना लगा रहता है। इसके तहत मालिक को परिसर को बंद करने, निर्दिष्ट शर्तों के तहत इसके उपयोग की अनुमति देने या सभी या निर्दिष्ट वर्ग के विदेशियों को प्रवेश देने से मना करने का अधिकार दिया गया है।
विदेशियों और आव्रजन से संबंधित मामलों के वर्तमान में चार कानून हैं। पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1939, विदेशी अधिनियम, 1946, और आव्रजन (वाहक दायित्व) अधिनियम, 2000। नया विधेयक इन कानूनों को निरस्त करता है।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img
spot_img

Latest Articles

आम लोगों के विश्वास का केंद्र होने के साथ-साथ लोगों की आकांक्षाओं को भी...

0
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को आई.आर.डी.टी ऑडिटोरियम, सर्वे चैक, देहरादून में सी.एस.सी (कॉमन सर्विस सेंटर) दिवस-2025 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम...

ऋण प्रक्रियाओं और बीमा क्लेम में सरलीकरण हो, ऋण जमा अनुपात बढ़ाने पर दिया...

0
देहरादूून। केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लोगों को पूरा लाभ मिले, इसके लिए लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण देने की...

भारत-आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक, पांच साल के लिए बनी नई कार्य...

0
कुआलालंपुर: भारत के विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने मलेशिया में भारत-आसियान बैठक की सह-अध्यक्षता की। वहीं भारत और आसियान देशों के बीच सहयोग...

पीएम PM मोदी के विदेश दौरे की आलोचना करने पर CM मान को केंद्र...

0
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं की आलोचना को...

यूपी पंचायत चुनाव: ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी, अब आरक्षण तय करने...

0
लखनऊ: अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर विभागीय स्तर पर शुरू कवायद के तहत ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का काम पूरा हो...