नई दिल्ली: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में अपनी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 में यात्री और माल ढुलाई से 2,39,982.56 करोड़ रुपये की कमाई की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25.51 फीसदी अधिक है। कैग के प्रेस नोट के अनुसार, रिपोर्ट भारतीय रेलवे (आईआर) के वित्त और खातों की विश्लेषणात्मक समीक्षा करके तैयार की गई है और मार्च 2023 को समाप्त वर्ष के लेखापरीक्षित खातों पर आधारित है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में रेल मंत्रालय (एमओआर) का कुल व्यय 4,41,642.66 करोड़ रुपये था, जो 2021-22 की तुलना में 11.34 फीसदी अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कुल व्यय में 2,03,983.08 करोड़ रुपये (पिछले वर्ष की तुलना में 7.21 फीसदी अधिक) पूंजीगत व्यय और 2,37,659.58 करोड़ रुपये (पिछले वर्ष की तुलना में 15.15 फीसदी अधिक) राजस्व व्यय शामिल हैं। कैग के प्रेस नोट में कहा गया है कि मंत्रालय ने कुल परिचालन व्यय का लगभग 72.22 फीसदी कर्मचारियों की लागत, पेंशन भुगतान और रोलिंग स्टॉक पर लीज-हायर शुल्क पर खर्च किया। कैग ने यात्री और माल ढुलाई सेवाओं से कुल प्राप्त आय पर प्रकाश डाला और कहा कि 2022-23 में यह 2,39,982.56 रुपये थी, जो पिछले वर्ष 2021-22 की तुलना में 25.51 फीसदी अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार, कुल प्राप्तियों में वृद्धि मुख्य रूप से यात्री आय, अन्य कोचिंग आय और माल ढुलाई आय में वृद्धि के कारण हुई। कोयले के परिवहन से माल ढुलाई आय का 50.42 फीसदी हिस्सा प्राप्त हुआ। पिछले वर्ष के दौरान 15,024.58 करोड़ रुपये के शुद्ध घाटे की तुलना में 2022-23 में 2,517.38 करोड़ रुपये का शुद्ध अधिशेष था। परिचालन अनुपात (ओआर) 2022-23 में 98.1 फीसदी था, जबकि 2021-22 में यह 107.39 फीसदी रहा। भारतीय रेलवे ने 2021-22 में शुद्ध घाटे की तुलना में 2022-23 के दौरान शुद्ध अधिशेष उत्पन्न किया।
कैग के अनुसार, यात्री और अन्य कोचिंग सेवाओं के संचालन पर घाटे में पिछले वर्ष की तुलना में कमी आई है, फिर भी 2022-23 के दौरान यात्री परिचालन में 5,257.07 करोड़ रुपये का घाटा अप्राप्त रह गया। इसमें कहा गया है कि माल ढुलाई से प्राप्त लाभ का उपयोग यात्री और अन्य कोचिंग सेवाओं के संचालन पर घाटे की भरपाई के लिए किया गया। रेलवे द्वारा 1,932 मामलों में 6,483.71 करोड़ रुपये का अस्वीकृत व्यय किया गया, जो वर्ष 2022-23 के दौरान कुल व्यय का 1.05 प्रतिशत था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2023 तक रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में इक्विटी और ऋणों का निवेश 5,38,869.02 करोड़ रुपये था, जिसमें 61,351.33 करोड़ रुपये की चुकता पूंजी और 4,77,517.69 करोड़ रुपये के दीर्घकालिक ऋण शामिल थे। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की चुकता शेयर पूंजी में 49,027.29 करोड़ रुपये (79.91 फीसदी) का योगदान दिया। शेष 12,324.04 करोड़ रुपये की चुकता शेयर पूंजी वित्तीय संस्थानों (5.05 फीसदी), केंद्र सरकार की कंपनियों (5.03 फीसदी) और राज्य सरकार/राज्य सरकार की कंपनियों (10.01 फीसदी) द्वारा योगदान की गई।
रेलवे की आय में 25.51% की वृद्धि
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