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Sunday, October 27, 2024

लोकसभा स्पीकर पर घमासान, आठ बार के सांसद के. सुरेश ओम बिरला को देंगे चुनौती

नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष के चयन को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बन पाई। अब अध्यक्ष का चयन चुनाव के माध्यम से होगा। भाजपा सांसद ओम बिरला सरकार और कांग्रेस सांसद कोडिकुनिल सुरेश विपक्ष के उम्मीदवार हैं। ओम बिरला यदि लोकसभा अध्यक्ष पद पर आसीन होते हैं तो दो दशकों से अधिक समय में दूसरा कार्यकाल पाने वाले पहले अध्यक्ष होंगे। बिरला राजस्थान के कोटा से तीसरी बार सांसद बनें हैं।
23 नवंबर 1962 को जन्मे ओम बिरला तीन बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं। पहले तीन बार राजस्थान विधानसभा में विधायक रह चुके हैं और भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं। 1991 से 2003 तक वह भाजयुमो में एक प्रमुख नेता थे। पहले प्रदेश अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
ओम बिरला 2003 में पहली बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। वह 2008 और 2013 में भी कोटा से विधायक रहे। तीन बार के विधायक ओम बिरला 2014 में पहली बार कोटा से सांसद चुने गए। तीन बार विधायक और तीसरी ही बार के सांसद ओम बिरला संसद की कई समितियों के सदस्य भी रहे हैं। बतौर सांसद अपने पहले कार्यकाल के दौरान ओम बिरला को कई समितियों में जगह दी गई थी। 16वीं लोकसभा के दौरान ओम बिरला प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, सलाहकार समिति के सदस्य रहे हैं। बिरला डिप्टी स्पीकर की नियुक्ति के बिना पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले पहले अध्यक्ष भी बन गए हैं।
कोडिकुन्नील सुरेश केरल के तिरुवनंतपुरम जिले की मावेलीक्करा लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद हैं। चार जून 1962 को जन्मे के सुरेश लोकसभा के सबसे वरिष्ठ सांसदों में से एक हैं। के सुरेश 27 साल की उम्र में 1989 में पहली बार नौवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। के सुरेश ने केरल की अदूर लोकसभा सीट से जीत हासिल की और फिर 1991, 1996 और 1999 में भी अदूर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। 1998 और 2004 के आम चुनाव में सुरेश को हार का सामना करना पड़ा।
साल 2009 के आम चुनाव में के सुरेश ने अपना निर्वाचन क्षेत्र बदला और मावेलीक्करा सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की। उसके बाद से सुरेश लगातार जीतकर अब 2024 लोकसभा चुनाव में आठवीं बार संसद पहुंचे हैं। 2024 के चुनाव में के सुरेश ने सीपीआइ उम्मीदवार अरुण कुमार सीए को साढ़े तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराया है। के. सुरेश यूपीए की सरकार में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री भी रहे हैं। वे केरल कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष भी हैं और पार्टी संगठन में भी काम का उन्हें लंबा अनुभव है।

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