आज कुंभ पर्व का शाही स्नान है. सोमवती अमावस्या के शाही स्नान पर कुंभ मेला पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्नान करने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं. दोपहर बजे तक सम्पूर्ण कुम्भ मेला क्षेत्र में लगभग 21 लाख 07 हजार श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. सोमवती अमावस्या यानि गंगा स्नान कर पुण्य कमाने का मौका, ओर उस पर कुम्भ पर्व, आज के दिन गंगा में स्नान करने के लिए गंगा तटों पर लोगो की भारी भीड़ लगी है. हरिद्वार में भी आज सुबह तङके से ही गंगा स्नान करने के लिए हर की पौङी पर श्रद्धालुओं की भीङ जुटनी शुरु हो गई थी.
जानकर बताते हैं कि वैसे तो सभी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है. मगर सोमयुता अर्थात सोमवती अथवा भोमयुता अथार्त भौमवती अमावस्या विशेष पुण्यदायी होती है. आप इसके पुण्य का इसी बात से प्रभाव लगा सकते है कि इस सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में स्वयं भीष्म पितामह नद अपनी शरशैया पर पड़े रहते रहते इंतजार किया था सोमवती अमावस्या के आने का और उस बार कई वर्षों के बाद सोमवती अमावस्या पड़ी थी. सोमयुता अर्थात अछून्नं कर देने वाली अमावस्या आज के दिन है. मात्र जलस्नान करना व्यक्ति को अश्व मेघ यज्ञ के समान फल दे देता है. और आज के दिन अपने पितरों के प्रति तर्पण श्राद्ध आदि करना पीपल के वृक्ष की पूजा करना उसमें अपने पितरों की कामना करते हुए किसी भी प्रकार से 108 परिक्रमा कर ले तो यह निश्चित समझिए कि व्यक्ति की कितनी भी कठिनाईपूर्ण जीवन हो वह सुधर जाता है और व्यक्ति की मनोकामना इच्छित कामना पूर्ण हो जाती है.
गंगा आदि पवित्र नदियों में हरिद्वार आदि तीर्थो में आज के दिन स्नान का अत्यधिक महत्व है. आज ब्रह्मकुंड हर की पैड़ी स्नान करके व्यक्ति अपने जीवन को कल्पकल्पान्तर तक के पाप नष्ट करके व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर लेता है. ,आज जो दान करेंगे जो पुण्य करेंगे वो अक्षय है. सोमवती अमावस्या व्यक्ति की पुण्यदायी और जीवनदायी है.
वैसे तो सनान पर्वों पर हमेशा ही लोगो की भीङ हरिद्वार गंगा स्नान के लिए पहुंचती हैं. मगर आज सोमवती अमावस्या पर और कुंभ का दूसरा शाही स्नान होने के कारण गंगा स्नान करने का मौका कोई नही छोङना चाहता है. हर की पौङी पर भीङ का आलम यह है कि पैर रखने की भी जगह नही है. हर की पैड़ी पहुचे श्रद्धालुओ का कहना है कि सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने से परिवार में सुख सृमृद्धि तो आती है. सभी मनोकामना पूरी होती है. और मोक्ष की प्राप्ति होती है साथी ही पितरों की आत्मा भी तृप्त होती हैं. और पुण्य की प्राप्ति होती है.