नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मद्रास हाईकोर्ट के एक फैसले को पलटते हुए प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के आठ कथित सदस्यों की जमानत रद्द कर दी। पीएफआई सदस्यों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने पीएफआई सदस्यों की जमानत रद्द करते हुए उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा है।
पीएफआई सदस्यों को मद्रास हाईकोर्ट ने बीते साल 19 अक्तूबर को जमानत दे दी थी। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा राष्ट्रीय सुरक्षा हमेशा सर्वोपरि है और आतंकवाद से कोई भी संबंध प्रतिबंधित होना चाहिए। जमानत पर रिहा चल रहे आरोपी बरकतुल्लाह, इदरीस, मोहम्मद अबुताहिर, खालिद मोहम्मद, सैयद इशाक, खाजा मोहिद्दीन, यासर अराफात और फयाज अहमद हैं। इन सभी को सितंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटा, पीएफआई के आठ सदस्यों की जमानत की रद्द
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