देहरादून: किसी भी प्रदेश में अनेकों ऐसी विलक्षण प्रतिभा में होती हैं जिन्हें राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पहचान नहीं मिल पाती। यद्यपि यह प्रतिभाएं अपने विशिष्ट हुनर में दक्ष है या उन्हें नर्संगींक गीत रूप से इस प्रकार की प्रतिभा मिली है। चारधाम अस्पताल देहरादून अपनी सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में ऐसी प्रतिभाओं को चिन्हित कर उन्हें आगे लाने का एक प्रयास कर रहा है।
प्रथम वर्ष में प्रदेश के प्रत्येक जिले से ऐसी 5 प्रतिभाओं को चिन्हित किया जाएगा। प्रतियोगिता का उद्देश्य मुख्य रूप से दूर दराज के क्षेत्रों से ऐसी प्रतिभाओं को ढूंढ कर लाना है जिन्हें अपनी प्रतिभा का राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का अभी तक अवसर नहीं मिला है एवं कोई विशिष्ट पहचान नहीं मिली है।
यह होंगी प्रतिभा
किसी विशिष्ट कला जैसे परंपरागत वाद्य यंत्रों संगीत सांस्कृतिक परंपरा
शिल्प एवं कारीगरी जो इंसानियत कच्चे माल पर आधारित हो जैसे रिंगा लकड़ी उन नेचुरल फाइबर ताम्र आदि
ऐसे होगा चयन
जिला स्तर पर समिति बनाई जाएगी जो ऐसी प्रतिभाओं को विभिन्न स्रोतों से चिन्हित कर एवं उनके प्रदर्शन के आधार पर स्तुति करेगी। प्रत्येक जनपद से 5 प्रतिभाओं का चयन किया जाएगा राज्य स्तर पर भी एक समिति का गठन किया जाएगा जो जनपदों से संस्तुति प्रतियोगिताओं में से 5 वर्ष प्रतिभाओं का चयन करेगी।
चयनित प्रतिभाओं को मिलेगा यह पुरस्कार
प्रथम पुरस्कार ₹51000
द्वितीय पुरस्कार ₹31000
तृतीय पुरस्कार ₹21000
वह साथ ही इन प्रतिभाओं को योगिता अनुसार व्यवसायिक संस्थानों में रोजगार दिए जाने का प्रयास किया जाएगा। शिल्पियों को आवश्यक अनुसार सरोजगर हेतु ऋण सुविधा एवं बिक्री की समुचित अवसर प्रदान किए जाने के प्रयास किए जाएंगे। संगीत एवं वाद्य यंत्रों से संबंधित प्रतिभाओं को जिला एवं राज्य स्तर पर प्रदर्शन का अवसर दिया जाएगा ताकि उन्हें आमदनी में वृद्धि हो सके इस बात का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा कि विभिन्न सांस्कृतिक एवं सामाजिक समारोह पर हम पर एक कलाकारों को प्रदर्शन एवं सेवा देने का अवसर मिल सके।
डॉ. केपी जोशी, चारधाम अस्पताल देहरादून