शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखते हुए कहा गया है कि वर्तमान समय में पूरे प्रदेश में कोरोना महामारी विकराल रूप ले रही है जिसमे कई शिक्षकों को भी कोरोना ड्यूटी में लगाया गया है, माध्यमिक के शिक्षक अप्रैल माह के पहले 15 दिन वार्षिक गृह परीक्षा को सम्पन्न करने में व्यस्त रहे उसके बाद थोड़े दिन वैक्सीन की उपलब्धता कम थी तब भी कुछ शिक्षको ने वैक्सीन की पहली डोज़ लेने में सफलता पाई परन्तु अधिकांश शिक्षकों को अभी तक कोरोना वैक्सीन नही लग पाई है. ऐसे में बिना सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए उनकी कोविड ड्यूटी लगा दी गयी है जबकि वे शिक्षक लगातार संक्रमित लोगों से सम्पर्क करते हैं. जिससे शिक्षकों में भय का माहौल बना हुआ है.
अतः महोदय से निवेदन है कि शिक्षकों के लिए विशेष वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाकर सभी को वैक्सीन नगवाई जाय, फिर उदिन पश्चात ड्यूटी आबंटित की जाय. गंभीर बीमारी और विशेष परिस्थितियों का ध्यान रखते हुए ड्यूटी लगाई जाय तथा कोरोना ड्यूटी में लगे समस्त शिक्षकों को फ्रंट लाइन वारियर मानते हुए अन्य कोरोना वारियर की भांति सुविधा मुहैया करवाई जाए
राज़कीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष के के डिमरी का कहना है कि मुख्यमंत्री के संज्ञान में इस विषय को पूर्व में ही ले आया परंतु सरकार ने इस विषय पर अभी तक कोई कार्य नही किया. जिससे कोरोना ड्यूटी में लगाये गए शिक्षकों में असुरक्षा का माहौल बन रहा है. सरकार से अपेक्षा है कि कोरोना ड्यूटी में लगे प्रत्येक शिक्षक का वेक्सिनेशन किया जाय उसी के पश्चात उनसे ड्यूटी करवाई जाय साथ ही कोरोना ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को अन्य कर्मचारियों की भांति फ्रंट लाइन कोरोना वैरियर माना जाय.