बीते 28 मार्च को नैनीताल से कुम्भ मेला ड्यटी हेतु आये जवान का शव जवान के वाहन में ही रायवाला में प्राप्त हुआ, जिस सूचना पर तत्काल ही कुम्भ मेला पुलिस द्वारा जवान के शव को ऋषिकेश भेजा गया जहां 29 मार्च को जवान गणेश नाथ का पोस्टमार्टम किया गया जिसके पश्चात जवान के पार्थिव शव को ससम्मान बागेश्वर भेजा गया , शव के साथ एक सहायक उपनिरीक्षक , एक हेडकोंस्टेबल ओर 2जवानों को भी सरकारी वाहन के साथ भेजा गया, शव के साथ सुरक्षा गार्द के अतिरिक्त 2 अन्य जवान जो मृतक गणेश नाथ के सम्बन्धी थे भी रवाना हुए.
वाहन दिनांक 30 मार्च को बागेश्वर पहुंचा , अत्यधिक गर्मी से शव गलने लगा था ओर फूल गया था जिस कारण जवान को बर्फ में रखा गया जवान का घर मुख्य मार्ग तक लगभग 700 मीटर की खड़ी चढ़ाई ओर उबड़ खाबड़ मार्ग से पहुँचा जा सकता है जिस कारण सम्भवत शव को ले जाते समय सहारा देने के लिए जवानों के द्वारा मृतक गणेश नाथ के बिस्तर बन्द को निकाल कर शव को सहारा देने में प्रयोग किया , चूंकि मृतक नाथ सम्प्रदाय से है जहाँ रीती रिवाजो के अनुसार शव को समाधि दी जाती है आरक्षी गणेश नाथ के पार्थिव शव को समाधि देने से पूर्व उत्तराखंड पुलिस जवानों के द्वारा ससम्मान शोक सलामी दी गयी. आरक्षी गणेश नाथ की नियुक्ति नैनीताल जनपद थी जो कुम्भ ड्यूटी हेतु जनपद हरिद्वार आया था घटना के पश्चात मृतक आरक्षी की माँ और उसकी पत्नी को नैनीताल पुलिस द्वारा 1,10,000 रु की धनराशि भी दी गयी.
ये भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल और असम में दूसरे चरण का मतदान आज, पढ़ें क्यों दांव पर लगी है प्रतिष्ठा