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Sunday, June 1, 2025

सरकार ने रोडवेज चालकों-परिचालकों का मानदेय बढ़ाया

लखनऊ: यूपी में परिवहन निगम में संविदा चालकों व परिचालकों के पारिश्रमिक में वृद्धि की गई है। चालकों का वेतन 17 पैसा और परिचालकों का 13 पैसा प्रति किलोमीटर की दर से बढ़ाया गया है। इस संबंध में रोडवेज के जीएम कार्मिक की ओर से क्षेत्रीय प्रबंधकों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता देने की योजना में भी बदलाव किया गया है। वेतन बढ़ाने के निर्णय से रोडवेज के 35 हजार से अधिक संविदा ड्राइवरों व कंडक्टरों को लाभ मिलेगा। परिवहन निगम के संविदा चालकों और परिचालकों को प्रतिकिमी के अनुसार वेतन मिलता है। उन्हें अभी तक यह वेतन 1.89 रुपये प्रति किलोमीटर मिल रहा था। जबकि नए आदेश के अनुसार संविदा चालकों को 2.06 रुपये प्रतिकिमी और परिचालक को 2.02 रुपये प्रतिकिमी मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर एक चालक और परिचालक प्रतिदिन 600 किमी चल सकता है।
ऐसे में महीनेभर में इन्हें वेतन के तौर पर मुश्किल से 12 हजार रुपये तक ही मिल पाते थे। लेकिन, अब उनका वेतन 15 हजार रुपये से ऊपर पहुंच जाएगा। कम वेतन होने के कारण ही रोडवेज को संविदा चालक व परिचालक नहीं मिल रहे थे। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि वेतन बढ़ने से संविदा पर कर्मचारियों की कमी खत्म हो सकेगी।
उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के मीडिया प्रभारी रजनीश मिश्र ने सरकार के फैसले का स्वागत किया। वहीं संविदा चालक परिचालक कर्मचारी संघर्ष यूनियन के महामंत्री कन्हैयालाल पांडेय ने कहाकि चालकों और परिचालकों का वेतन बराबर था, लेकिन, बढ़ोत्तरी अलग-अगल की गई है। इससे वेतन में फिर असमानता आ गई है। यह असमानता पहले भी थी, जिसे ठीक कर लिया गया था। उन्होंने प्रबंधन से मांग की है कि इसे एकरूप किया जाए।
जीएम कार्मिक के अनुसार कुछ क्षेत्रों के चालकों और परिचालकों पर यह आदेश लागू नहीं होगा। क्षेत्र विशेष होने से वहां संविदाकर्मियों का वेतन पहले से ही अधिक है। इसमें नोएडा की नगरीय सेवाओं, गोरखपुर क्षेत्र के सोनौली, महाराजगंज और सिद्धार्थनगर डिपो, प्रदेश की उपनगरीय सेवाओं के चालकों और परिचालकों के ऊपर यह आदेश लागू नहीं होगा। इन्हें पहले से ही वेतन 2.18 रुपये प्रति किमी मिल रहा है।
परिवहन निगम नवीन उत्कृष्ट और उत्तम प्रोत्साहन राशि भी देता है। इसके तहत चालकों और परिचालकों की निरंतर सेवा के आधार पर प्रोत्साहन राशि मिलती है। चालक को दो साल और परिचालकों को लगातार चार साल की सेवा देनी होगी। इसमें 288 दिन की ड्यूटी के साथ ही किमी का लक्ष्य पूरा करना होता है। उत्कृष्ट प्रोत्साहन योजना के लिए 7800 किमी और उत्तम प्रोत्साहन योजना के लिए 66 हजार किमी बस चलानी होगी। पारिश्रमिक में संविदा चालकों के लिए नौ प्रतिशत व परिचालकों के लिए सात फीसदी की वृद्धि की गई है।

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