देहरादून: गाजा में जारी भीषण संघर्ष के बीच इस्राइली सेना ने गुरुवार को गाजा से हिरासत में लिए गए 10 फलस्तीनियों को रिहा कर दिया। इन सभी को एक बस के जरिए गाजा के मध्य शहर देइर अल-बलाह के अस्पताल लाया गया, जहां कई सप्ताहों से इंतजार में बैठ इन फलस्तीनियों के परिजनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। रिहा किए गए लोगों ने बताया कि हिरासत में उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार हुआ। साथ ही कुछ ने यह भी कहा कि उन्हें कई दिनों तक बिना किसी कारण के बंद रखा गया।
बता दें कि इस्राइल ने 7 अक्तूबर 2023 को हमास के हमले के जवाब में गाजा में सैन्य अभियान शुरू किया था। इसके बाद से अब तक हजारों फलस्तीनियों को हिरासत में लिया जा चुका है। हालांकि, बीच-बीच में कुछ लोगों को रिहा भी किया गया है। जहां मार्च के मध्य में जब युद्धविराम टूटा और लड़ाई फिर से शुरू हुई, तब से यह पहली बार है जब इस्राइल ने बंदियों को रिहा किया है। रिहा हुए सभी लोग साधारण ग्रे रंग की स्वेटपैंट और शर्ट पहने हुए थे।
रिहा हुए इन 10 फलस्तीनियों में एक कैदी फैज अयूब के अस्पताल पहुंचते ही उनकी बेटी माराह अयूब विलख पड़ी। उन्होंने रोते हुए कहा कि मैं अपने पिता हर पल हमने आपकी रिहाई का इंतजार किया। जब भी कोई रिहा होता था हम बस यही पूछते थे, क्या मेरे पापा भी आए हैं?, साथ ही फैज के बेटी माराह ने यह भी कहा कि इस्राइली सैनिकों ने उनके पिता को उस समय पकड़ लिया था जब वे गाजा के कमाल अदवान अस्पताल से डिस्चार्ज हुए थे। उस समय उनकी श्रोणि और रीढ़ की हड्डी टूट चुकी थी।
इसके अलावा फैज ने अपने साथ हुए व्यवहार को लेकर बताया कि उन्हें 6 नवंबर को पकड़ा गया था। इन 156 दिन उनके लिए बहुत बुरे रहे। उन्होंने कहा कि हर दिन हमारे साथ दुर्व्यवहार होता था। हमें ठीक से सोने नहीं दिया जाता था। हालांकि मामले में अभी तक इस्राइली सेना की ओर से किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं की गई है। वहीं जेल प्रशासन का कहना है कि वे कानून के अनुसार काम करते हैं और किसी भी शिकायत की जांच की जाती है।
इस्राइली सेना ने 10 और फलस्तीनियों को किया रिहा, उम्मीद में बैठे परिजनों में दौड़ी खुशी की लहर
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