12.7 C
Dehradun
Friday, November 14, 2025

आयुष्मान योजना से हजारों मरीजों को मिला दिल की बीमारी का मुफ्त इलाज

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से संचालित आयुष्मान योजना मरीजों के लिए प्राणदाई साबित हो रही है. योजना से कई लोगों को जिंदगी मिल रही है, रोगों से निजात पाकर मरीज फिर से स्वस्थ जीवन जी रहे हैं. बात दिल के मामलों यानी हृदय रोग की करें तो आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक 8700 से अधिक लोगों का निशुल्क उपचार किया जा चुका है. जिसमें सरकार ने ₹87 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की है. गौरतलब है कि उत्तराखंड में कुछ सालों से हृदय रोगियों की संख्या में पहले की अपेक्षा अधिक तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. दिल की बीमारियों को पहले से ही बड़े खर्चे वाली बीमारी माना जाता है. ऐसे में आर्थिक तंगहाली के चलते अधिकांश लोगों के सामने हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों की अनदेखी करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं रहता.

सामान्य आय वर्ग के लोग भी अपना उपचार कराने में ज्यादातर मौकों पर असमर्थ हो जाते थे. जिसका नतीजा बाद में बहुत घातक या जानलेवा ही साबित होता था. लेकिन आयुष्मान योजना ने आमजन को बड़ी राहत दी है. इससे हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों के बड़े खर्चे से भी मरीजों को निजात मिल गई है. अब सुखद यह है कि मरीज मामूली लक्षण महसूस होने पर भी बेझिझक अस्पताल में जांच करवा रहे हैं. और समय रहते उनका उपचार भी किया जा रहा है.

बता दें कि देहरादून की शहानाबानो के इलाज पर 3.09 लाख का खर्च आया. जिस पर मरीज का एक पैसा खर्च नहीं हुआ. इसी तरह  टिहरी के अंशू के इलाज पर 3.07 लाख और सचेंद्र प्रसाद के इलाज पर 3.07 लाख लगे, नैनीताल के उमेश सिंह के इलाज पर 3.07 लाख, पौड़ी के अंकित कुमार के इलाज पर 3.07 लाख, चमोली के मोहन सिंह के इलाज पर 3.07 लाख, अल्मोड़ा की हेमा के इलाज पर 3.07 लाख रुपए का खर्चा आया. लेकिन इस उपचार में किसी भी मरीज का एक नया पैसा तक भी खर्च नहीं हुआ. इसके अलावा प्रदेश में हजारों की तादाद में दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों का अब तक मुफ्त में उपचार हुआ है.

अब तक 8706 हृदय रोगियों का मुफ्त उपचार किया जा चुका है. इस उपचार में सामान्य जांच से लेकर गंभीर शल्य चिकित्सा और प्रत्यारोपण जैसी गंभीर मसले भी शामिल हैं. इन मामलों पर सरकार का ₹87 करोड़ से अधिक खर्च हो चुका है. आयुष्मान योजना का मुख्य उद्देश्य भी बीमार जनों को हर हाल में रोगों से मुक्ति दिलाना है. बात जब आम जन के जीवन बचाने की हो तो इन परिस्थितियों में खर्च  हो रही धनराशि मायने नहीं रखती. मरीज बीमारी से मुक्त होकर जीवन जी रहे हैं. यही आयुष्मान योजना का उद्देश्य भी है और सफलता का पैमाना भी.

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img

Latest Articles

पार्किंग में बैठकर 3 घंटे बनाया बम, 32 कारों से थी देश को दहलाने...

0
नई दिल्ली। खुफिया एजेंसियों ने लाल किले के पास सोमवार को हुए कार धमाके से जुड़ी एक बड़ी आतंकी साजिश को उजागर किया है।...

बंगाल में वोटर लिस्ट पर बड़ा खुलासा, 47 लाख ऐसे लोगों के नाम शामिल...

0
कोलकाता : बंगाल की सूची में 47 लाख ऐसे मतदाता हैं, जोकि अब इस दुनिया में ही नहीं हैं। इनमें 34 लाख ऐसे थे,...

एसटीएफ ने किया 87 लाख की ठगी का भण्डाफोड़, मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार

0
देहरादून। एसटीएफ उत्तराखण्ड की साइबर क्राइम पुलिस टीम द्वारा प्रचलित डिजिटल अरेस्ट स्कैम करीब 87 लाख ठगी का भण्डाफोड़ करते हुये अभियोग में मुख्य...

भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई और राफेल द्विपक्षीय हवाई अभ्यास के लिए फ्रांस में

0
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना की एक टुकड़ी 16-25 नवंबर से फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष सेना के साथ द्विपक्षीय हवाई अभ्यास में भाग लेने...

नवले ब्रिज पर भीषण सड़क हादसा, दो ट्रकों की टक्कर में फंसी कार, आग...

0
मुंबई: पुणे के नवले ब्रिज पर एक भीषण सड़क हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि 14 लोग घायल हो गए। हादसा...