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Sunday, July 13, 2025

हॉकी की हैट्रिक गर्ल वंदना के संघर्ष की कहानी, पढ़ें उत्तराखंड से Olympics का सफर

देहरादून: लाइफ में हर किसी के गोल होते हैं, कुछ लोग इस गोल को पाने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं और सक्सेस हो जाते हैं, वही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने जीवन में गोल तो रखते हैं लेकिन उनको पाने की कोशिश नही करते हैं। अगर आप लीक से हटकर कुछ करना चाहते हैं तो जाहिर सी बात हैं कि आपके खिलाफ आवाजें भी बुलंद होती हैं। लोग ताने मारते हैं। हर कोई आपका साथ देने के लिए आगे नहीं आता। कोई आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा नही देता है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं Tokyo Olympics में हैट्रिक गर्ल Vandana kataria की

पिता की हिम्मत ने बढ़ाया आगे…

ऐसा ही कुछ छोटी उम्र में हुआ था हैट्रिक गर्ल वंदना कटारिया के साथ, लेकिन फिर भी उनकी हिम्मत को डिगा नहीं पाया। इस वक्त में उनका गुरु बनकर खड़े हुए उनके पिता और फिर वंदना दौड़ पड़ी लक्ष्य को साधने को।वंदना कटारिया उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित छोटे से क्षेत्र रोशनाबाद से आती हैं। उनका पूरा परिवार यहीं रहता है। हरिद्वार भेल से सेवानिवृत्त होने के बाद वंदना के पिता नाहर सिंह ने रोशनाबाद में दूध का व्यवसाय शुरू किया था। उनकी सरपरस्ती में ही वंदना कटारिया ने रोशनाबाद से अपनी हाकी की यात्रा शुरू की।

उस वक्त गांव में वंदना के इस कदम को लेकर स्थानीय लोगों ने परिवार के साथ उनका भी मजाक उड़ाया था। वंदना को ताने सुनने पड़े, लेकिन पिता का मजबूत हाथ उनके सिर पर हमेशा रहा। इसने वंदना को आगे बढ़ने की हिम्मत दी और वो अपने सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाती गई। फिर मां सोरण देवी ने भी लोगों की बातों की परवाह नहीं की और वंदना के सपने को साकार करने के लिए उसके हर कदम में उसका साथ देने लगीं।

लोगों की बातों की नही की परवाह…

वंदना ने हाकी की शुरुआत रोशनाबाद से ही की। क्षेत्र में खेलों को लेकर मजबूत सुविधाएं नहीं थी, जिसकी वजह से वंदना को अपने सपने को साकार करने के लिए कई तरह की दिक्कतों से जूझना पड़ा। खेल का मैदान नहीं मिला न खेलने को साथी तो वंदना ने शुरुआती दौर में लड़कों के साथ ही प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी। हालांकि, इसके लिए उन्हें और परिवार को कई बातें भी सुननी पड़ी। पर, उन्होंने इसकी परवाह नहीं की और वो धीरे-धीरे वो अपने खेल को निखारती गईं। फिर उन्होंने अपने खेल को मजबूती देने के लिए प्रोफेशनल तौर पर मेरठ से शुरुआत की।

पिता को दी श्रद्धांजलि…

वही मई में वंदना ने अपने पिता को खो दिया, जब उनके पिता का निधन हुआ, उस वक्त वो टोक्यो ओलिंपिक की तैयारियों में जुटी हुई थी। वंदना कटारिया ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए मैच में शानदार प्रदर्शन कर पिता को श्रद्धांजलि दी है।

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