15.6 C
Dehradun
Wednesday, November 19, 2025


उत्तराखंड बनेगा हिमालयी राज्यों के लिए विकास का माॅडल, इकोलॉजी और इकोनाॅमी में संतुलन रखना जरूरी: CM धामी

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विज्ञान और तकनीकी का उपयोग करते हुए इकोलॉजी और इकोनाॅमी में संतुलन रखना है। मुख्यमंत्री, सीएम कैम्प कार्यालय में चम्पावत जनपद को आदर्श जनपद के रूप में विकसित करने के लिए आयोजित बोधिसत्व संवाद कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए पूरे समर्पित भाव से काम करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पूरे हिमालय क्षेत्र को विकास की राह दिखा सकता है। इकोनोमी और इकोलॉजी में संतुलन रखते हुए सतत विकास की रूपरेखा तैयार की जा रही है। चम्पावत जिले को माॅडल के रूप में लिया गया है। चम्पावत में सभी तरह की भौगोलिक परिस्थितियां मौजूद हैं। यह न केवल उत्तराखण्ड बल्कि सभी हिमालयी राज्यों के लिए माॅडल बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम विभाग और संस्थाएं विभिन्न विकासात्मक गतिविधियां कर रही हैं। इनमें समन्वय की आवश्यकता है। इंटिग्रेटेड एप्रोच अपनानी होगी ताकि विभाग व संस्थाएं एक दूसरे के कामों से लाभान्वित हो जिसका फायदा राज्य को भी होगा। उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत जनपद को आदर्श जनपद बनाने के लिए यूकास्ट नोडल एजेंसी के रूप में काम करे। चम्पावत में कार्बेट ट्रेल व आयुष ग्राम पर तेजी से काम किया जाए। हैलीपेड बनाने की सम्भावना का अध्ययन किया जाए। सिडकुल द्वारा छोटे इंडस्ट्रीयल एरिया विकसित किये जा सकते हैं। आईटीआई में रोजगार परक व बाजार की मांग आधारित कोर्सेज संचालित हों। सङक व रेल कनेक्टीवीटी को विकसित करने के लिए राज्य सरकार केंद्रीय मंत्रालयों के सम्पर्क में है। इको टूरिज्म, मत्स्य पालन व औद्यानिकी में भी काफी सम्भावनायें है।

बैठक में हेस्को के संस्थापक पद्मभूषण डाॅ अनिल जोशी ने कहा कि हमें सभी की भागीदारी से आगे बढ़ना है। एक दूसरे के अनुभवों का लाभ उठाना है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की बोधिसत्व संवाद कार्यक्रम की पहल की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति प्रदत्त बौद्धिकता है। यहां ऋषि परम्परा रही है।चम्पावत को विभिन्न क्लस्टरों में विकसित किया जा सकता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काम करना होगा।

भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के अधिकारियों ने टोपोग्राफी, भू उपयोग, साईट सूटेबिलिटी एनालिसिस, साॅयल, सिंचाई, जैव विविधता, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ड्रैनेज, भूजल, जियोलाजिकल स्ट्रक्चर, लैंडस्लाइड से संबंधित मैपिंग पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि उनका संस्थान सैटेलाइट कम्यूनिकेशन, टेली एजुकेशन व टेली मेडिसन में सहयोग कर सकता है।

आईआईपी द्वारा बताया गया कि हाल ही में उनकी एक टीम चम्पावत गई थी। और विभिन्न सम्भावनाओं का अध्ययन किया है। आईआईपी ने चीङ की पत्तियों का आर्थिक उपयोग व बायोडीजल के क्षेत्र में काम कराने की बात कही।

मत्स्य संस्थान द्वारा बताया गया कि ट्राउट फिशिंग में काम की काफी सम्भावनायें हैं। वन विभाग की ओर से कहा गया कि इको टूरिज्म के साथ ही वन पंचायतों के माध्यम से हर्बल व ऐरोमैटिक के क्षेत्र में काम किया जा सकता है।

spot_img

Related Articles

Latest Articles

भारत और अमेरिका के बीच जल्द हो सकता व्यापार समझौता

0
वॉशिंगटन। अमेरिकी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक व्यापार समझौता हो सकता...

ग्रुप बी से भारत-पाकिस्तान अंतिम-4 में पहुंचे, सेमीफाइनल के अन्य दो दावेदारों का होगा...

0
दोहा: भारत ए ने ओमान ए को छह विकेट से हराकर एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025 के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। ग्रुप बी...

दुबई एयर शो से भारत-यूएई रक्षा सहयोग को गति, रक्षा राज्यमंत्री बोले- संयुक्त परियोजनाओं...

0
दुबई: भारत के रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने दुबई एयर शो के दौरान अपने यूएई समकक्ष मोहम्मद मुबारक अल माजरूई से मुलाकात की।...

आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाए दुनिया..’, एससीओ के मंच पर विदेश मंत्री जयशंकर...

0
मॉस्को। भारत ने मंगलवार को कहा कि दुनिया को आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति शून्य सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) दिखानी चाहिए। इसके...

मुख्य सचिव ने डीरेगुलेशन के संबंध में ली समीक्षा बैठक

0
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में संबंधित अधिकारियों के साथ डीरेगुलेशन (विनियमन मुक्ति) के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मुख्य...