11.2 C
Dehradun
Sunday, December 22, 2024

भू क़ानून को लेकर उत्तराखंड के युवाओं का आवाहन, सोशल मीडिया पर उठी बड़ी माँग |Postmanindia

उत्तराखंड में भू कानून को लेकर ट्विटर पर अभियान तेज हो गया है. बीते 2 दिन से #उत्तराखंडमांगेभू_कानून अभियान ट्रेनिंग में चल रहा है. इस अभियान में उत्तराखंड के युवाओं समेत तमाम हस्तियां शामिल हो रही हैं. उत्तराखंड और पहाड़ से नाता रखने वाले युवाओं की मांग है कि उत्तराखंड में भू-कानून अधिनियम जल्द से जल्द लागू किया जा सके,  जिसके बाद अन्य राज्यों के लोग उत्तराखंड में  ज़मीनों को खुर्द बुर्द ना कर सकें. पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे और सोशल मीडिया में रखने वाले चमोली के नयन कोठियाल बताते हैं यह गैर राजनीतिक अभियान लगातार चलता रहेगा.

क्या है उत्तराखंड में अभी कानून

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तराखंड की पहली निर्वाचित तिवारी सरकार  के समय साल 2002 तक अन्य राज्यों के लोगों को उत्तराखंड में सिर्फ 500 वर्ग मीटर तक जमीन खरीदने का अधिकार था.  बाद में खंडूरी सरकार ने 2007  में यह सीमा घटाकर 250 वर्गमीटर कर दो थी.  इसके बाद 6 अक्टूबर 2018 को त्रिवेंद्र सरकार ने नया अध्यादेश जारी कर दिया.  इसके मुताबिक “उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम,1950 में संसोधन का विधेयक पारित किया गया और इसमें धारा 143 (क) धारा 154(2) जोड़ी गई. यानी पहाड़ो में भूमिखरीद की अधिकतम सीमा ही समाप्त कर दी गई.

हिमाचल में अभी भी भूमि ख़रीद पर सख़्ती

उत्तराखंड की भोगोलिक परिस्थितियों जैसे पड़ोसी राज्य हिमाचल में साल 1972 में एक सख्त कानून बनाया गया. इस कानून के अंतर्गत बाहर के लोग हिमाचल में जमीन नहीं खरीद सकते. इसके पीछे मंशा ये थी कि कहीं हिमाचल के लोग बाहरी लोगो को अपनी जमीन न बेच दें. जाहिर सी बात थी कि वो भूमिहीन हो जाते. भूमिहीन होने का अर्थ है कि अपनी संस्कृति और सभ्यता को भी खोने का खतरा. दरअसल हिमाचल के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ यसवंत सिंह परमार ये कानून लेकर आ गए थे. लैंड रिफॉर्म एक्ट 1972 में प्रावधान के तहत एक्ट के 11वे अध्याय में control on transfer of lands में धारा -118 के तहत हिमाचल में कृषि भूमि नही खरीदी जा सकती. गैर हिमाचली नागरिक को यहां जमीन खरीदने की इजाजत नही. व्यापारिक उद्देश्य हेतु जमीन किराए पे ली जा सकती थी 2007 में धूमल सरकार ने धारा -118 में संशोधन किया और कहा कि बाहरी राज्य का व्यक्ति, जो हिमाचल में 15 साल से रह रहा है, वो यहां जमीन ले सकता है. इसका बड़ा हुआ और बाद में अगली सरकार ने इसे बढ़ा कर 30 साल कर दिया.

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में नई गाइडलाइन: जिम और कोचिंग संचालकों को बड़ी राहत

spot_img

Related Articles

Latest Articles

बाल भिक्षावृत्ति निवारण के लिए 3 रेस्क्यू एवं पुनर्वास वाहनों का सीएम ने किया...

0
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कनक चौक, देहरादून में 188.07 करोड़ की कुल 74 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें...

मोहाली में पांच मंजिला इमारत गिरी, एक महिला की मौत, कई लोगों के दबे...

0
मोहाली: मोहाली में शनिवार शाम बड़ा हादसा हुआ है। मोहाली के सोहाना में एक पांच मंजिला इमारत गिर गई है। इमारत के गिरते ही...

महाराष्ट्र में देवेंद्र सरकार में विभागों का बंटवारा; फडणवीस को गृह तो अजित को...

0
मुंबई: महाराष्ट्र में नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव और दिसंबर में सरकार गठन और करीब एक हफ्ते पहले हुए कैबिनेट विस्तार के बाद विभागों...

पीएम मोदी बोले-द्विपक्षीय कारोबार हमारे रिश्तों का आधार, ऊर्जा साझेदारी ने दिया नया आयाम

0
कुवैत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापार और वाणिज्य को दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों का मुख्य आधार बताया। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार...

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 जारी की

0
देहरादून: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023’ का विमोचन किया। उल्लेखनीय...