देहरादून: उत्तराखंड का एक और लाल देश की सीमा पर शहीद हो गया। जी हां शहादत की खबर सीधा सियाचिन ग्लेशियर से आ रही है। देहरादून के डोईवाला के कान्हरवाला निवासी सेना में हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान सियाचिन में ग्लेशियर टूटने से उसकी चपेट में आकर घायल हो गए। सेना के बेस अस्पताल में उपचार के दौरान बीती सोमवार को उनका निधन हो गया। बलिदानी जगेंद्र सिंह के निधन की सूचना जब उनके घर पहुंची तो स्वजन शोक में डूब गए।
35 वर्षीय जगेंद्र सिंह भारतीय सेना की 325 लाइट एडी बटालियन में हवलदार के पद पर तैनात थे। वह वर्ष 2007 में सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी बटालियन सियाचिन ग्लेशियर में तैनात है। जगेंद्र के मामा सेवानिवृत्त कैप्टन मनवीर सिंह बिष्ट ने बताया कि 20 फरवरी को सियाचिन में गश्त के दौरान ग्लेशियर टूटने पर जगेंद्र उसकी चपेट पर आकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उसके बाद उनका उपचार सियाचिन के बेस अस्पताल में चल रहा था। उन्होंने बताया कि 21 फरवरी रात 11:45 उन्हें सेना की ओर से फोन आया कि उपचार के दौरान जगेंद्र का निधन हो गया है।
उन्हें बताया गया कि यदि मौसम ठीक रहा तो बुधवार सायं तक जगेंद्र का पार्थिव शरीर उनके निवास स्थल डोईवाला पहुंच जाएगा। जगेंद्र के पिता राजेंद्र सिंह चौहान भी सेना से सूबेदार मेजर पद से सेवानिवृत्त हैं। पुत्र के बलिदान होने की सूचना के बाद माता विमला चौहान, पत्नी किरन चौहान, भाई अजेंद्र व मनमोहन चौहान का रो-रोकर बुरे हाल हैं। साथ ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। जगेंद्र का परिवार मूल रूप से ग्राम बसवाडी जौनपुर टिहरी गढ़वाल का रहने वाला है।
जगेंद्र सिंह अंतिम बार अगस्त 2021 में अपने घर आए थे। जिसके बाद वह ग्लेशियर क्षेत्र में तैनात थे। अब उन्हें 25 फरवरी को छुट्टी पर आना था। इससे पूर्व हो उनके शहीद होने की सूचना आ गई।