कोविड-19 का ओमीक्रोन वेरिएंट अब भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज में पहुंच गया है। कई बड़े शहरों में यह वायरस का प्रमुख स्ट्रेन बन गया है। INSACOG ने अपने ताजा बुलेटिन में कहा है कि ओमीक्रोन का एक सब-वेरिएंट BA.2 देश में कई जगहों पर मिला है। भारत में ओमीक्रोन का पहला केस 2 दिसंबर को कन्फर्म हुआ था। महज 7 हफ्तों के भीतर कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज आ गई है। ओमीक्रोन की इतनी तेज रफ्तार सिर्फ भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में देखने को मिली है। कुछ ही हफ्तों में इसने डेल्टा को पीछे छोड़ दिया। शुरुआत में डेल्टा वेरिएंट का ‘R0’ (एक व्यक्ति कितनों को संक्रमित कर सकता है, उसकी संख्या) 6 से 7 के बीच था। ओमीक्रोन ने कोरोना को गजब की रफ्तार से फैलने में मदद की।
अभी ओमीक्रोन का R0 कन्फर्म नहीं है मगर एक्सपर्ट्स एकमत हैं कि यह डेल्टा या उससे पहले के वेरिएंट्स से कहीं ज्यादा तेजी से फैलता है। डेल्टा वेरिएंट को अंटाकर्टिका छोड़ हर महाद्वीप तक पहुंचने में करीब 9 महीने लगे थे, ओमीक्रोन तो सातों महाद्वीप तक हफ्तों में पहुंच चुका है।
ओमीक्रोन वेरिएंट ने कोरोना महामारी की रफ्तार कई गुना बढ़ा दी। अब SARS-CoV-2 दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाले वायरसों में से एक हो गया है। वायरस की संक्रामकता तय करने के लिए वैज्ञानिक R0 का इस्तेमाल करते हैं। यह संख्या बताती है कि किसी वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति कितनों को संक्रमण दे सकता है। कोविड के मूल स्ट्रेन से संक्रमित लोग (R0 ) तीन व्यक्तियों को संक्रमित कर सकते थे। डेल्टा वेरिएंट में एक व्यक्ति से सात लोगों को संक्रमण हो सकता है।
दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रामक वायरस मीजल्स का है जिससे संक्रमित व्यक्ति 18 लोगों को बीमार कर सकता है। मीजल्स के संक्रमित होने के लिए व्यक्ति का मरीज के कमरे में होना भी जरूरी नहीं। इसके कण हवाओं में घंटों तक रह सकते हैं। साल 2019 में मीजल्स ने दुनियाभर में 90 लाख से ज्यादा को संक्रमित किया।