साल 2022 अपने अवसान पर है और जल्द ही नये साल का आगाज होगा. चलिए जानते हैं इस जाते हुए साल में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से किस तरह से महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है, कैसे जेंडर से संबंधित सरोकारों को मुख्यधारा में लाने की भरपूर कोशिश की है और किस तरह से उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने और उन्हें अपने मानवीय अधिकारों का एहसास करने में सक्षम बनाने तथा उन्हें अपनी पूरी क्षमता का विकास करने के लिए उपाय किए हैं.
मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0
सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के तहत, आकांक्षी जिलों में बेहतर पोषण और शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रति वर्ष 40,000 आंगनवाड़ी केंद्रों की दर से 2 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों का मजबूत, उन्नत और नवीकरण किया जाएगा. वित्त वर्ष 2022-23 में आकांक्षी जिलों में सभी 40,000 सक्षम आंगनबाड़ियों की पहचान की गई है. अब तक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 11.22 लाख स्मार्ट फोन प्रदान किए जा चुके हैं. इसके अलावा, बच्चों के विकास की नियमित निगरानी को बढ़ावा देने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा इन्फैंटोमीटर, स्टैडोमीटर, मां और शिशु का वजन मापने का स्केल, बच्चे का वजन मापने का स्केल जैसे 12.65 लाख वृद्धि निगरानी उपकरणों की खरीद की गई है.
पोषण पखवाड़ा
पोषण अभियान के लिए पोषण केंद्रित जन आंदोलन सुनिश्चित करने हेतु व्यापक प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए 21 मार्च से 4 अप्रैल 2022 तक पोषण पखवाड़ा आयोजित किया गया. यह आंगनवाड़ी केंद्र में 6 वर्ष तक की आयु के लाभार्थी बच्चों के कद और वजन की माप सहित विशेष रूप से जनजातीय क्षेत्रों में जेंडर की दृष्टि से संवेदनशील जल प्रबंधन, एनीमिया और स्वस्थ मां और बच्चे के लिए पारंपरिक भोजन से संबंधित गतिविधियों पर केंद्रित था.
राष्ट्रीय पोषण माह (सितंबर 2022)
5वां राष्ट्रीय पोषण माह ग्राम पंचायतों को सभी गतिविधियों के केंद्र में रखते हुए सितंबर,2022 में मनाया गया. पोषण माह 2022 के व्यापक विषयों में – महिला और स्वास्थ्य, बच्चा और शिक्षा, जेंडर की दृष्टि से संवेदनशील जल प्रबंधन तथा महिलाओं और बच्चों के लिए पारंपरिक भोजन शामिल थे. जेंडर की दृष्टि से संवेदनशील जल प्रबंधन और संरक्षण के विषय के अंतर्गत कार्यशालाओं, सेमिनारों और वर्षा जल संचयन संरचनाओं की स्थापना के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों की पहचान करने के अभियान के माध्यम से लगभग 43 लाख गतिविधियां आयोजित की गईं.
मिशन शक्ति
मिशन शक्ति में महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा तथा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए क्रमशः दो उप-योजनाएं ‘संबल’ और ‘सामर्थ्य’ शामिल हैं. वन स्टॉप सेंटर (ओएससी), महिला हेल्पलाइन (181-डब्ल्यूएचएल) और बेटी बचाओ बेटी पढाओ (बीबीबीपी) की मौजूदा योजनाओं को ‘संबल’ उप-योजना का हिस्सा बनाया गया है और नारी अदालत नामक एक नया घटक शुरु किया गया है; जबकि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई), उज्जवला और स्वाधार गृह (शक्ति सदन), कामकाजी महिला छात्रावास (सखी निवास), जेंडर बजटिंग और राष्ट्रीय क्रेच योजना की मौजूदा योजनाओं के साथ-साथ राष्ट्रीय, राज्य, जिला स्तरों पर महिलाओं के सशक्तिकरण केंद्रों के नए घटक को ‘सामर्थ्य’ में समाहित किया गया है. मिशन शक्ति के लिए योजना दिशानिर्देश 14 जुलाई 2022 को जारी किए गए.
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई)
इस योजना में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (पीडब्ल्यू और एलएम) को गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान 5,000/ रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि दो किश्तों में उनके बैंक / डाकघर खाते में डीबीटी मोड में सीधे प्रदान करने की परिकल्पना की गई है.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं को महत्व देने के संबंध में राष्ट्र की मानसिकता में बदलाव लाने की दिशा में सामूहिक चेतना को जगाना है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 को की गई थी और जिसे निम्न लिंगानुपात वाले 100 जिलों में प्रारंभ किया गया था. इस योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है
घर-गो होम एंड री-यूनाइट का शुभारंभ
बच्चों की डिजिटल ट्रैकिंग और निगरानी सुनिश्चित करने वाले प्रोटोकॉल को संचालित करने के लिए घर (गो होम एंड रीयूनाइट) नाम का एक वेब पोर्टल लॉन्च किया गया था.