उत्तराखंड में ब्लैक फंगस की दवाई सरकार की अनुमति के बिना नहीं दी जा सकेगी, जी हाँ ब्लैक फंगस के उपचार के लिए दी जाने वाली दवाई एंफोटेरिसिन बी के वितरण पर पूरी तरह से सरकार का नियंत्रण रहेगा. यह दवाई केवल कोविड अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज और सरकार की अन्य मेडिकल संस्थानों को ही उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए शासन ने बीते मंगलवार को एसओपी भी जारी कर दी है. सचिव स्वास्थ्य पंकज पांडेय ने एसओपी जारी करते हुए लिखा है कि ब्लैक फंगस की दवा का वितरण एक अलग व्यवस्था के तहत होगा. इस व्यवस्था के तहत प्रदेश में दवा के स्टोरेज और डिमांड की सप्लाई के लिए कुमाऊं में डॉ. रश्मि पंत और गढ़वाल में डॉ. कैलाश गुनियाल को नोडल बनाया गया है. इसी तरह अस्पतालों और अन्य संस्थाओं को कहा गया है कि वे दवा की मांग के बारे में दून मेडिकल कॉलेज के डॉ. नारायणजीत सिंह और कुमाऊं में हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के डॉ. एसआर सक्सेना से संपर्क करेंगे.
जमा करनी होंगी दवा की खाली शीशियां
कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने के लिए दवा का उपयोग करने वाले अस्पतालों से कहा गया कि वे दवा की खाली शीशियों को जमा कराएंगे. दवा का अगर उपयोग नहीं होता है तो वह वापस करनी होगी. दवा की मांग भी दिन में दो बार की जा सकती है.