देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस प्रत्याशी चयन पर भले ही प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की राय जुदा-जुदा है लेकिन 34 सीटें ऐसी है जिन पर शुरू से ही टिकट करीब-करीब तय माने जा रहे हैं। वर्ष 2016 में कांग्रेस के विभाजन के वक्त पार्टी के साथ खड़े रहे। ये नेता विधानसभा चुनाव में जोर आजमाइश कर चुके हैं। प्रचंड मोदी लहर के बावजूद इनका प्रदर्शन कमतर नहीं था। इनमें 10 तो सिटिंग विधायक हैं और बाकी 24 लोग पूर्व विधायक और प्रत्याशी है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष इन 34 चीजों को छोड़ बाकी सीटों के लिए प्रत्याशित तलाशने का फोकस किए हुए हैं।
दरअसल कांग्रेस को इन 34 से इतर 36 सीटों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर ज्यादा माथापच्ची करनी है। इन 36 सीटों में कुछ पूर्व प्रत्याशियों के टिकट कटने तय है। वर्ष 2017 के बाद कांग्रेस में शामिल हुए कुछ मजबूत नेताओं को भी टिकट मिलना लगभग तय है।
विधानसभा टिकट की दौड़ में आगे
पुरोला से राजकुमार, बद्रीनाथ से राजेंद्र भंडारी, थराली से प्रोफेसर जीतराम, केदारनाथ से मनोज रावत, गंगोत्री से विजयपाल सजवान, देवप्रयाग से मंत्री प्रसाद नैथानी, प्रताप नगर से विक्रम सिंह नेगी, चौबट्टाखाल से राजपाल बिष्ट, पौड़ी से नवल किशोर, टिहरी से किशोर उपाध्याय, श्रीनगर से गणेश गोदियाल, कोटद्वार से सुरेंद्र नेगी, चकराता से प्रीतम सिंह, विकास नगर से नवप्रभात, धरमपुर से दिनेश अग्रवाल, राजपुर रोड से राजकुमार, हरिद्वार से ब्रह्मावरूप ब्रह्मचारी, भगवानपुर से ममता राकेश का नाम है।
इसके अलावा पिरान कलियर से फुरकान अहमद, मंगलौर से काजी नजमुद्दीन, जसपुर से आदेश चौहान, रुद्रपुर से तिलकराज बेहड़, खटीमा से भुवन कापड़ी, धारचूला से हरीश धामी, पिथौरागढ़ से मयूख महर, गंगोलीहाट से नारायण राम आर्य, कपकोट से ललित फर्स्वाण , द्वाराहाट से मदन बिष्ट, रानीखेत से करन मेहरा, अल्मोड़ा से मनोज तिवारी, जागेश्वर से गोविंद सिंह कुंजवाल, चंपावत से हिमेश खर्कवाल, नैनीताल से सरिता आर्य, रामनगर से रणजीत रावत।