अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की बाघंबरी मठ में संदिग्ध मौत के बाद एसआईटी टीम की प्रमुख सदस्य सीओ आस्था जयसवाल बाघम्बरी मठ पहुंची है. एसआईटी की टीम सीन रिक्रिएशन कर सकती है. महंत की कथित मौत मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, साक्ष्य और प्रयागराज पुलिस द्वारा दर्ज किए गए बयानों सहित मामले के दस्तावेज लेगी.
महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले में एक तरफ सीबीआई ने जांच करने की हामी भर दी है तो वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम भी जांच सीबीआई को हैंडओवर करने के तैयारी में जुट गई है. SIT टीम की सदस्य डिप्टी एसपी आस्था जायसवाल अपनी टीम के साथ बाघम्बरी गद्दी पहुंची. पुलिस टीम के साथ टेक्निकल टीम के सदस्य भी शामिल रहे. टीम ने महंत नरेंद्र के मठ में स्थित उनके कमरे का मुआयना किया और साथ ही उस कमरे के आसपास भी मुआयना किया, जहां महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या की थी.
एसआईटी ने गुरुवार 23 सितंबर को पूरी रिपोर्ट केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हैंडओवर कर दी है. अब महंत नरेंद्र गिरी की मौत कैसे हुई, इस गुत्थी को सुलझाने के लिए सीबीआई ने अब कमर कस ली है. दरअसल सीबीआई को केस देने से पहले एसआईटी टीम अपने कानूनी दस्तावेज जैसे घटनास्थल का नक्शा, मौका मुआयना आदि को अंतिम रूप देने में जुट गई थी. सीबीआई की टीम जब भी उनसे दस्तावेज मांगे एसआईटी सारे दस्तावेज सौंप सकें.
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी मौत मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है. इस मामले में दिल्ली में FIR भी दर्ज हो गई है. केंद्र ने यूपी सरकार की तरफ से की गई सीबीआई जांच की सिफारिश गुरुवार को मंजूर कर ली. योगी सरकार ने बुधवार की रात को मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की अनुशंसा की थी.
जानकारी के मुताबिक एसआईटी ने आनंद गिरी के ग्रुप से वीडियो बरामद किया है. इसी वीडियो को दिखाकर नरेंद्र गिरी को ब्लैकमेल किया जा रहा था. इस एंगल से भी जांच की जा रही है कि महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के पीछे हनी ट्रैप तो कारण नहीं है. क्योंकि अपने कथित सुसाइड नोट में भी नरेंद्र गिरी ने इस बात का जिक्र किया था. एसआईटी नरेंद्र गिरी के कथित सुसाइड नोट को मुख्य आधार बनाकर मामले की जांच में जुटी है. वहीं नामजत आरोपी आनंद गिरी और सुसाइड नोट के आधार पर बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी को जेल भेज दिया गया है.