देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में पांचवें धाम सैन्य धाम के शिलान्यास के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ ताकतें भारत और नेपाल के रिश्ते बिगाड़ना चाहती हैं, लेकिन हम कभी ये रिश्ते टूटने, बिखरने नहीं देंगे। 1971 में ठीक पचास साल पहले सेना के पराक्रम के बूते ही पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया था। भारत का चरित्र रहा कि कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया या किसी की एक इंच भूमि पर नजर नहीं डाली। पर किसी ने आंख दिखाई तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया। रक्षा उत्पाद में भारत आत्मनिर्भर हुआ है। पहले 65 फीसद आयात होता था, आज हम 72 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, शहीद वह होता है, जो निडर होता है। उसके मन में राष्ट्रीय स्वाभिमान की प्रबल भावना होती है। इस सैन्य धाम में जो भी आएगा, राष्ट्रीय स्वाभिमान की भावना लेकर जाएगा। देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा लेकर जाएगा।
उन्होंने जनरल बिपिन रावत को याद करते कहा कि वह सदियों तक स्मृति में जिंदा रहेंगे। भारत अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ा रहे यह प्रयास रहेगा। अपनी संस्कृति से दूर व्यक्ति कटी पतंग की तरह होता है। सैन्य धाम में हर शहीद का नाम बडे अक्षरों में अंकित होना चाहिए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आनलाइन श्रद्धांजलि की व्यवस्था भी सैन्य धाम में होनी चाहिए।