श्रीनगर गढ़वाल: भारत की सदारत में हो रहे जी 20 सम्मेलन के आलोक में सोमवार 17 अप्रैल को देश के प्रमुख वैज्ञानिक श्रीनगर में हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास से जुड़े पहलुओं पर विमर्श करेंगे।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने बताया कि जी बी पंत हिमालयी पर्यावरण संस्थान, रिसर्च एंड इनफार्मेशन सिस्टम फ़ॉर डेवलपिंग कन्ट्रीज (आरआईएस), कलिंगा इस्टीटूट फ़ॉर इंडो पैसिफिक स्टडीज, इंडियन हिमालयन यूनिवर्सिटीज कंसोर्टियम के साथ मिलकर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय यह एक दिवसीय आयोजन कर रहा है।
इस विमर्श में जी 20 में भारत की सदारत और राजनीतिक विमर्श, पर्यावरण और जलवायु,कृषि एवं आजीविका, सामाजिक- राजनीतिक- सांस्कृतिक सभ्यता की ऐतिहासिकता, आपदा नियंत्रण, जैविक संपदा प्रबंधन, रोजगार,शिक्षा,ऊर्जा,स्वास्थ्य, पर्यावरण सम्मत औऱ सस्ता पर्यटन, व्यापार, निवेश आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी। इस गोलमेज विमर्श के आधार पर विशेषज्ञ कुछ संस्तुतियां तैयार करेंगे जो संबंधित मंत्रालयों को प्रेषित की जाएंगी।
कार्यक्रम संयोजक वानिकी के विभागाध्यक्ष प्रो आर सी सुंदरियाल ने बताया कि एक स्थिर,सुरक्षित, और समृद्ध विश्व के लिए सतत विकास के सयुंक्त राष्ट्र के लक्ष्य के प्रति जी 20 के अध्यक्ष में रूप में भारत संकल्पित है। इसी भावना के साथ यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
राजनीति शास्त्र की विद्वान और गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो अन्नपूर्णा के वक्तव्य के साथ कार्यक्रम शुरू होगा । डॉक्टर शेषाद्रि रामानुजम चारी, प्रो चिंतामणि महापात्र,डॉक्टर, डॉ अनिल कुमार, डॉ सुनील नौटियाल, डॉ आर के मैखुरी, डॉ प्रकाश नौटियाल, डॉ प्रशांत कंडारी, डॉ जे सी कुनियाल, डॉ वाई पी सुंदरियाल, प्रो डी आर पुरोहित,डॉ नागेंद्र रावत आदि विद्वान इस विमर्श में शरीक होंगे।