देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में नए शहर बसाने का ऐलान किया था। आवास विभाग प्रदेश में आठ नए शहरों को बसाने की योजना पर काम कर रहा है। जिसके बाद काशीपुर व डोईवाला के निकट दो नए शहर बसाने को केंद्र सरकार ने प्रारंभिक तौर पर हरी झंडी दिखा दी है।
आवास विभाग ने केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय में सर्वसुविधा संपन्न शहर का प्रस्तुतिकरण दे दिया है, जिस पर सहमति जताते हुए दोनों स्थानों का निरीक्षण करने जल्द ही केंद्र की टीम आएगी। राज्य ने इन शहरों का 1100 करोड़ का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा था।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र से इस संबंध में अनुरोध करते हुए 1100 करोड़ का प्रस्ताव दिया था। इसके तहत आवास विभाग ने दो शहरों का प्रस्ताव तैयार किया था और केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को भेज दिया था। इनमें एक शहर काशीपुर में पराग फार्म की भूमि पर इंडस्ट्रियल सिटी के नाम से 378.50 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा।
दूसरी टाउनशिप, डोईवाला के निकट दून-हरिद्वार हाईवे पर एयरो सिटी के नाम से बनेगी। इंटिग्रेटेड टाउनशिप के नाम से यह शहर 3080.8 भूमि पर बनाया जाएगा। इसमें 746.98 हेक्टेयर सरकारी भूमि और 2333.81 हेक्टेयर निजी भूमि होगी। जानकारी के मुताबिक, प्रस्तुतिकरण होने के बाद जल्द ही दोनों टाउनशिप का निरीक्षण करने के लिए केंद्र की टीम उत्तराखंड पहुंचेगी।
किस जगह कौन सा शहर बसाने की योजना
चिन्ह्ति स्थान- कुल भूमि (हेक्टेयर)- सरकारी भूमि (हेक्टेयर)- निजी भूमि (हेक्टेयर)- शहर का नाम
डोईवाला के निकट दून-हरिद्वार हाईवे- 3080.8-746.98-2333.81-इंटिग्रेटेड टाउनशिप
दून-पौंटा साहिब हाईवे पर छरबा, सहसपुर- 1672.94-166.2-1506.74-साइबर सिटी
आर्केडिया चाय बागान, देहरादून-719.7-00-719.7-न्यू देहरादून ट्विन सिटी
गौचर हवाई पट्टी के पास बमोथ गांव- 50-00-50-वेलनेस टाउनशिप
रामनगर शहर के पास- 4365-493-3872-टूरिज्म टाउनशिप
गोलापार के निकट हल्द्वानी- 2840.16-165-2662-न्यू हल्द्वानी ट्विन सिटी
नैणीसैणी एयरपोर्ट के पास, पिथौरागढ़-77-1.37-75.36- फिल्म-एंटरटेनमेंट सिटीपराग फार्म,
किच्छा के पास- 378.58-378.5-00-इंडस्ट्रियल टाउनशिप
आवास विभाग देगा सुविधाएं
इन सभी शहरों में आवास विभाग सुविधाएं देगा। इनमें सड़क, सीवर से लेकर अत्याधुनिक शहरों जैसी सभी सुविधाएं शामिल होंगी। टाउन प्लानिंग विभाग की मदद से इन शहरों का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इसी हिसाब से निजी सहभागिता से शहरों को बनाने का काम होगा। सरकार इनमें कुछ अपनी जमीनें भी देगी।