देहरादून: सिलक्यारा टनल रेस्क्यू अभियान केंद्र एवं राज्य सरकार के समन्वय के जरिए जीत के जबरदस्त उदाहरणों में से एक है। तमाम बड़ी अड़चनों के बावजूद 17 वें दिन इस अभियान को अंजाम तक पहुँचा दिया गया तो इसमें प्रधानमंत्री मोदी का सशक्त नेतृत्व कौशल और मुख्यमंत्री धामी का दृढ़ संकल्प स्पष्ट रूप से देखने को मिला।
प्रधानमंत्री पल-पल इस अभियान पर नजर बनाए रहे तो ग्राउंड जीरो पर मुख्यमंत्री धामी ने मौजूद रहकर रेस्क्यू में जुटे न केवल तमाम एजेंसियों की हौसला अफजाई का कार्य किया बल्कि समय-समय पर टनल में फंसे मजदूरों से भी नियमित रूप से संवाद कर उन्होंने उनका मनोबल भी उठाए रखा। नतीजा, जिंदगी जंग जीतने में कामयाब रही। यहां एक तथ्य का जिक्र करना बेहद आवश्यक है कि सीएम धामी के स्पष्ट निर्देश थे कि सुरंग में फंसे श्रमिकों के लिए किसी भी तरह की व्यवस्था में कोई कमी न रखी जाए। उनके खान-पान से लेकर मानसिक स्थिति के मद्देनजर कुशल डॉक्टरों की टीम ने श्रमिकों के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी का जिम्मा उठाया। इसका प्रतिफल तब दिखा जब सुरंग में कैमरा पहुँचा। कैमरे के जरिये दुनिया के सामने जो विसुअल आए उसने यह पुख्ता कर दिया कि 41 जिंदगियों को बाहर निकालने की जंग निश्चित जीत में तब्दील होगी।
12 नवंबर को दीवाली के दिन जब उत्तरकाशी के सिलकयारा में जब सुरंग में भू-धंसाव हुआ तो हर कोई स्तब्ध रह गया। ये एक इस तरह की जटिल और विरली घटना थी जिसके रेस्क्यू को लेकर किसी तरह का कोई तजुर्बा नहीं था। परंतु केंद्र और राज्य के जबरदस्त तारतम्य के चलते 17 वें दिन में यह अभियान अंजाम तक पहुँच गया।