23 C
Dehradun
Tuesday, December 16, 2025


क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल ऑफ इंडिया देहरादून में हुआ प्रारंभ

देहरादून: क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल ऑफ इंडिया का तीसरा संस्करण आज हयात सेंट्रिक, देहरादून में शुरू हुआ, जिसने अपराध, न्याय और समाज पर गहन विचार-विमर्श, साहसिक चर्चाओं और प्रभावशाली संवादों से भरे तीन दिनों की शुरुआत करी। उद्घाटन समारोह की शुरुआत उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) द्वारा फेस्टिवल को औपचारिक रूप से उद्घाटित करने के साथ हुई। उनके साथ विशिष्ट अतिथि एवं प्रसिद्ध फिल्मकार केतन मेहता, फेस्टिवल चेयरमैन एवं पूर्व डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार, फेस्टिवल डायरेक्टर एवं पूर्व डीजी उत्तराखंड आलोक लाल, फेस्टिवल सचिव रणधीर के अरोड़ा और डीसीएलएस के मुख्य समन्वयक प्रवीण चंदोक उपस्थित रहे।
उद्घाटन समारोह में संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल जैसे मंच न्याय, जवाबदेही और सत्य के मुद्दों पर समाज को सोचने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा, “अपराध कई मायनों में हम सभी की कहानी है। यह उत्सव देहरादून में तीसरी बार लौट रहा है और भगवान शिव के त्रिशूल का आशीर्वाद समेटे सत्य और स्पष्टता की ओर हमारा मार्गदर्शन करता है। पुलिस और जस्टिस जैसे शब्दों में ‘आइस’ उस शांति का प्रतीक है, जो समाज में पनप रहे क्रोध और आक्रोश को शांत करने के लिए आवश्यक है। जब हमारे भीतर नकारात्मक प्रवृत्तियाँ जन्म लेती हैंकृजब हमारे अंदर का रावण उठता हैकृतो हमारे भीतर का राम भी जागृत होना चाहिए, अन्यथा यह अनियंत्रित क्रोध विनाश का कारण बन सकता है। अपराध को रोकने की शुरुआत हमारे भीतर के इसी संघर्ष को पहचानने और नियंत्रित करने से होती है।” आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, “यह तीन दिवसीय उत्सव अपराध के पूरे परिदृश्यकृन्याय, कानून प्रवर्तन, अराजकता, सामाजिक व्यवहार और आपराधिक क्रियाओं के पीछे की मनोविज्ञान को समेटता है। यहां साझा की गई कहानियाँ आने वाली पीढ़ियों के लिए मूल्यवान सीख साबित होंगी। नशा-उपयोग और साइबर अपराध आज की दो सबसे गंभीर चुनौतियाँ हैं, और समाज को एक एंटी-क्राइम वातावरण बनाने के लिए तैयार करना अत्यंत आवश्यक है।”
राज्यपाल ने कहा, “मुझे गर्व है कि यह उत्सव देहरादून में आयोजित हो रहा हैकृजो भारत की साहित्यिक राजधानी माना जाता हैकृऔर एकमात्र ऐसा शहर है जिसने अपराध को समझने और उससे सीख निकालने की चुनौती को स्वीकार किया है। आप अपराध की हजारों कहानियाँ सुन सकते हैं, लेकिन अंत में केवल सत्य की ही जीत होती हैकृऔर यही वह स्थान है जहां अपराध साहित्य का असली उद्देश्य निहित है।” कार्यक्रम के उद्घाटन दिवस पर सभी का स्वागत करते हुए फेस्टिवल के चेयरमैन एवं पूर्व डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार ने कहा, “यह हमारे क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल का तीसरा संस्करण हैकृएक अद्वितीय शैली-आधारित आयोजन और भारत में अपने आप में एकमात्र उत्सव। अगले तीन दिनों में हम नशा-निरोध, सड़क दुर्घटनाएँ, महिलाओं की सुरक्षा, साइबर अपराध और समाज को गहराई से प्रभावित करने वाले कई अन्य मुद्दों पर अर्थपूर्ण चर्चा करेंगे।”
फेस्टिवल की शुरुआत इसकी सबसे चर्चित सत्रों में से एक “मिर्च मसाला टू मांझीः केतन मेहता’स लेंस ऑन इनजस्टिस” से हुई, जिसमें ‘मांझी’, ‘मिर्च मसाला’ और ‘मंगल पांडे’ जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते प्रसिद्ध निर्देशक केतन मेहता ने पूर्व डीजी उत्तराखंड आलोक लाल के साथ एक ज्ञानवर्धक संवाद किया। दोनों ने मिलकर चर्चा की कि वास्तविक संघर्ष, प्रतिरोध और मानवीय साहस किस प्रकार सिनेमा में अभिव्यक्त होते हैं और किस तरह फिल्में समाज का दर्पण बन जाती हैं।
दर्शकों को संबोधित करते हुए फिल्म निर्माता केतन मेहता ने कहा, “अपराध हमेशा से मेरे लिए सबसे आकर्षक विधाओं में से एक रहा है। सिनेमा, साहित्य और रंगमंच की शुरुआत से ही अपराध सबसे प्रभावशाली विषयों में रहा है। मेरी कई फिल्मेंकृचाहे मंगल पांडे हो, रंग रसिया हो या मिर्च मसालाकृअपराध और मानवीय संघर्ष के अलग-अलग आयामों को तलाशती हैं। एक व्यक्ति अपराध की ओर क्यों मुड़ता है, इसके कारण अनेक हो सकते हैं, लेकिन मूल रूप से मनुष्य स्वयं संघर्षों से भरा हुआ प्राणी है। हमारे भीतर लगातार एक द्वंद्व चलता रहता है, और इस आंतरिक संघर्ष को संभालना और नियंत्रित करना ही, कई मायनों में, जीवन का सार है।”
अवसर पर बोलते हुए फेस्टिवल डायरेक्टर एवं पूर्व डीजी उत्तराखंड आलोक लाल ने कहा, “यह दुनिया का एकमात्र उत्सव है जो केवल अपराध विधा को समर्पित है, और इसी मायने में यह वास्तव में एक मार्गदर्शक पहल है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि हम सभी के भीतर कुछ नकारात्मक प्रवृत्तियाँकृक्रोध, प्रतिशोध या ऐसी प्रतिक्रियाएँ देने की प्रवृत्तिकृमौजूद रहती हैं जो दूसरों को नुकसान पहुँचा सकती हैं। केवल कुछ लोग इन प्रवृत्तियों को क्रियान्वित करते हैं और वे अंततः कानून की पकड़ में आकर परिणाम भुगतते हैं। यह उत्सव न केवल वास्तविक अपराधों, बल्कि काल्पनिक अपराधों की भी पड़ताल करता है, जिससे यह अपराध साहित्य पर चर्चा का एक विशिष्ट और ज्ञानवर्धक मंच बन जाता है।” शाम का दूसरा सत्र “द एनफोर्सर एन आईपीएस ऑफिसर’स वॉर ऑन क्राइम इन इंडिया’स बैडलैंड्स” रहा, जिसमें पूर्व डीजीपी उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार, पूर्व डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार और लेखक अनुरुध्य मित्रा ने प्राची कांडवाल के साथ बातचीत की। इस चर्चा में भारत के अपराध परिदृश्य की वास्तविक जमीनी चुनौतियों और अनुभवों को साझा किया गया। दून कल्चरल एंड लिटरेरी सोसाइटी (डीसीएलएस) द्वारा आयोजित यह फेस्टिवल एक बार फिर देहरादून को साहित्यिक और बौद्धिक संवाद का प्रमुख केंद्र स्थापित करता है। तीन दिवसीय यह फेस्टिवल सभी के लिए खुला है, जिसमें भूमि घोटालों, नशीले पदार्थों, महिला सुरक्षा, डीपफेक्स, साइबर धोखाधड़ी, सीरियल किलर्स, बुलिंग और विभिन्न भाषाओं में उभरते क्राइम लेखन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत सत्र आयोजित किए जाएंगे।

spot_img

Related Articles

Latest Articles

एनआईए ने दाखिल की 1597 पन्नों की चार्जशीट, पाकिस्तानी आतंकी संगठन LeT और TRF...

0
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले के मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इसमें...

गोवा नाइट क्लब अग्निकांड: लूथरा बंधुओं को लाया जाएगा भारत, एयरपोर्ट पर उतरते ही...

0
नई दिल्ली। गोवा के नाइट क्लब में आग लगने की घटना के बाद देश छोड़कर फरार हुए लुथरा बंधुओं को मंगलवार को थाईलैंड से...

हुसैनीया पैलेस में PM मोदी का स्वागत, किंग अब्दुल्ला संग द्विपक्षीय मुद्दों पर की...

0
अम्मान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन देशों के दौरे के क्रम में जॉर्डन पहुंच चुके हैं। पहले जहां एयरपोर्ट पर जॉर्डन के पीएम जाफर...

आपदा प्रबंधन विभाग के कार्मिक भी बनेंगे फर्स्ट रिस्पांडर

0
देहरादून। उत्तराखण्ड में आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत आपदा प्रबंधन विभाग...

25 वर्षों में उत्तराखंड को देश के सर्वाधिक प्रगतिशील और समृद्ध राज्यों में शामिल...

0
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित होटल हयात सेंट्रिक में एक न्यूज चैनल द्वारा आयोजित ‘डायमण्ड स्टेट समिट’ में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम...