उत्तराखंड में आज रात से हड़ताल का ऐलान कर चुके ऊर्जा निगम के सभी शासन स्तर पर सचिव के साथ हुई कर्मचारी संगठनों की वार्ता विफल हो गई है. वहीं अब मुख्य सचिव के साथ होने वाली दूसरे दौर की वार्ता हड़ताल का भविष्य तय करेंगी. हालांकि कर्मचारी नेताओं ने साफ कर दिया है की बिना मांग पूरी हुए हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी.
गौरतलब है कि ऊर्जा निगम के कार्मिक पिछले 4 सालों से एसीपी की पुरानी व्यवस्था तथा उपनल के माध्यम से कार्य कार्योजित संविदा कार्मिकों के नियमितीकरण एवं समान कार्य हेतु समान वेतन को लेकर लगातार शासन प्रशासन से वार्ता कर रहे हैं. वर्ष 2017 में ऊर्जा निगम के कार्मिक आंदोलनरत थे तब 22 दिसंबर 2017 को कार्मिकों के संगठनों तथा सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ परंतु आज तक उस समझौते पर कोई कार्यवाही नहीं हुई ऊर्जा निगम के कार्मिक इस बात से क्षुब्ध हैं कि सातवें वेतन आयोग में उनकी पुरानी चली आ रही 9-5-5 की की एसीपी व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है, जो कि उन्हें उत्तर प्रदेश के समय से ही मिल रही थी यही नहीं पे मैट्रिक्स में भी काफी छेड़खानी की गई .