नैनीताल: बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई। आज सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शिवभट्ट ने कोर्ट से कहा कि सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर जो एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में पेश की है, उसमें अभी तक सुनवाई नही है, लिहाजा चारधाम यात्रा पर रोक के आदेश को आगे बढ़ाया जाए। इस पर सरकार की सहमति पर चारधाम यात्रा पर रोक के आदेश को कोर्ट ने आगे बढ़ा दिया है। जब तक एसएलपी में कोई आदेश पारित न हो जाता हो। स्वास्थ्य सचिव द्वारा कोर्ट को अवगत कराया कि प्रदेश में 95 ब्लॉक है अभी उनके पास 108 के 54 एम्बुलेंस है अभी उनको 41 और एम्बुलेंस की आवश्यकता है । जिसकी सिफारिश स्वाथ्य मंत्रालय भारत सरकार को भेज रखी है। कोर्ट ने वीकेंड पर पर्यटन स्थलों स्थलों में बढ़ रही भीड़ को लेकर चिंता जाहिर की।
चार धाम यात्रा पर लगी रोक को हाईकोर्ट ने 18 अगस्त तक जारी रखा है। मामले की अगली सुनवाई भी 18 अगस्त को होगी। इसके अलावा राज्य के सरकारी अस्पतालों में नर्स, वार्ड बाय और सपोर्ट स्टाफ के कितने पद खाली हैं? उनके भर्ती के संबंध में सरकार ने क्या प्रक्रिया चलाई है? और क्या कदम उठाए हैं? उसका विवरण भी अगली तिथि पर देने को कहा है। हाईकोर्ट ने राज्य में स्थित सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध एंबुलेंस की संख्या और उनकी क्षमता के संबंध में ऑडिट रिपोर्ट भी तलब की है।
हाईकोर्ट ने कहा कि चार धाम यात्रा का प्रकरण राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और वहां से अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। राज्य सरकार की यात्रा पर रोक जारी रखने के लिए कोर्ट में दी गई सहमति पर कोर्ट ने आज चार धाम यात्रा पर लगी रोक को भी 18 अगस्त तक बढ़ा दिया है।
वही कोर्ट ने सरकार से कहा कि जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि पर्यटन स्थलों की क्षमता के अनुसार जांच के उपरांत ही पर्यटकों को आने दिया जाय। नैनीताल में ही 75 प्रतिशत पर्यटक एसओपी का पालन नही कर रहे है, शेष 25 प्रतिशत समाजिक दूरी का। इसी की वजह से पिछले सप्ताह नैनीताल में 10 कोविड पॉजिटिव केस मिले। एक पर्यटक द्वारा महिला पुलिस के साथ मारपीट की गई सरकार ने उस पर कोई कार्यवाही नही की अभी तक कितने ऐसे लोगो के खिलाफ मुदकमा दर्ज किया,18 तक कोर्ट को बताएं।