भारत सरकार ने उत्तराखंड को मोटे अनाज (मंडुवा) की सरकारी खरीद की अनुमति दे दी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा मंडुवा के 0.096 लाख मीट्रिक टन की खरीद की अनुमति मिलने से राज्य में मिलेट (मोटा अनाज) उत्पादन करने वाले किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा. आपको बता दें की पहले चरण में 9600 मीट्रिक टन मंडुवा की खरीद की जाएगी. इससे सरकार पर 45 करोड़ का व्ययभार आएगा. राज्य में मंडुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3574 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित है. इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, मंडी परिषद, सहकारी समितियों, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को आपसी समन्वय से काम करने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें जिलाधिकारियों की विशेष भूमिका रहेगी.
मंडुवा, पौष्टिकता से भरपूर होता है. अब सरकार किसानों से खरीदकर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों के साथ अन्य लोगों को इसे उपलब्ध करा सकेगी. इससे राज्य के किसानों की आय में बढ़ोतरी तो होगी ही, साथ ही स्कूली बच्चों और जरूरतमंदों को पौष्टिक आहार भी मिल सकेगा. प्रथम चरण में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पायलेट योजना के तहत दो जिलों अल्मोड़ा और पौड़ी के किसानों से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मंडुवा खरीद योजना लागू की जाएगी. क्रय किए गए मंडुवा को ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, देहरादून और नैनीताल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बांटा जाएगा.