ज़िंदगी में कुछ कर गुजरने का हौसला हो तो कोई भी राह मुश्किल नहीं है. इंडियन मिलिट्री एकेडमी में पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करने के बाद 341 युवा अफसरों की टोली भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गई. उत्तराखंड से भी आज 37 जांबाज इसमें शामिल हैं, इसी बीच जनपद रुद्रप्रयाग के केदारघाटी के एक छोटे से ग्राम रेल(फाटा) के एक साधारण किसान धीर सिंह तिन्दोरी जी एवं सावित्री देवी जी के सुपुत्र सचिन तिन्दोरी आज भारतीय सैन्य अकादमी(IMA) देहरादून से बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना में शामिल हो गए हैं.
एक सामान्य से पृष्ठभूमि के साथ विकट और दुर्गम परिस्थितियों के बावजूद सचिन तिन्दोरी ने आज भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जैसे प्रतिष्ठित पद को हासिल किया है. साल 2013 में सचिन ने बतौर सिपाही गढ़वाल रायफल ज़्वाइन किया था. साल 2018 में SSB पास यह कमीशन हो गए. जिसके बाद तीन साल IMA में ट्रेनिंग की. सचिन के भाई बताते हैं कि सचिन का बचपन से ही भारतीय सेना अफ़सर बनने का सपना था.