24 C
Dehradun
Monday, July 14, 2025

हरिद्वार: दिव्य सेवा प्रेम मिशन के कार्यक्रम में पहुंचे कोविंद, कहा सेवा के बीज का रोपण करने में मेरी छोटी सी भूमिका

हरिद्वार: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द रविवार को हरिद्वार में दिव्य सेवा प्रेम मिशन के रजत जयंती के समापन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान राष्‍ट्रपति ने कहा कि इस मिशन के साथ 25 साल की मेरी यादें ताजा हो रही हैं। कभी मैंने भी कल्पना नहीं की थी कि आशीष जी में सेवा की जो संकल्पना है, वह इस रूप में साकार होगी। उन्होंने कहा कि आशीष गौतम ने प्रयागराज से 25 साल पहले हरिद्वार आकर सेवा की नींव रखी, यह आसान काम नहीं था। उन्होंने सेवा की एक मिसाल कायम की है।

मुझे यहां आकर प्रसन्नता हो रही है, सेवा के बीज का रोपण करने में मेरी छोटी सी भूमिका रही है, वह आज वट वृक्ष बन चुका है। कहा कि राज्यसभा सांसद बनने के बाद मेरी पहली यात्रा हरिद्वार की हुई, राष्ट्रपति बना तो उत्तराखंड आने पर सबसे पहली यात्रा हरिद्वार में मिशन की इस भूमि पर हुई। उत्तराखंड की पावन भूमि की महिमा अनंत है। प्राचीन काल से लोग यहां धर्म और अध्यात्म के लिए आते रहे हैं। हरिद्वार भगवान विष्णु और शंकर दोनों की प्राप्ति का स्थान है। पतित पावनी गंगा इसकी साक्षी व मोक्षदायिनी भी है।

उन्होंने कहा कि आध्यत्म के मार्ग पर चलते हुए दिव्य प्रेम सेवा मिशन की स्थापना की गई। स्वतंत्रता के बाद हमारे संविधान ने अश्पृश्यता का अंत किया। लेकिन सदियों से चली आ रही कुष्ठ रोगियों के प्रति मानसिक अश्पृश्यता आज भी चली आ रही है। अज्ञानता आधुनिक युग में भी विद्यमान है। अनेक गलत फहमियां समाज में फैली हुई हैं। इनको खत्म करने के लिए दिव्य प्रेम सेवा मिशन के कार्य की मैं सराहना करता हूं। कुष्ठ रोगियों के साथ भी वैसा ही व्यहवार होना चाहिए, जैसा किसी भी सामान्य व्यक्ति के साथ होता है।

उन्होंने कहा कि संसद में दिव्यांग व्यक्तियों का अधिकार अधिनियम पारित किया गया है। 2016 के अधिनियम के तहत अन्य दिव्यांगजनों की तरह कुष्ठ रोगियों को इनकी श्रेणी में शामिल किया गया। 1932 में जेल यात्रा के दौरान महात्मा गांधी ने कुष्ठ रोग से पीड़ित अपने मित्र को संदेश भेजा था कि शरीर बीमार होता है, लेकिन आप शरीर नहीं, आत्मा हैं। जेल से आकर महात्मा गांधी ने स्वयं अपने कुष्ठ रोगी मित्र की सेवा की। महात्मा गांधी का जन्मदिन राष्ट्रीय कुष्ठ रोग दिवस के रूप में मनाया जाता है। कुष्ठ रोगियों का उपचार, उनके बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था और कौशल विकास केंद्र जैसे कार्य सराहनीय हैं। उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए मिशन के संस्थापक और उनके सभी सहयोगियों को मैं बधाई देता हूं।

कार्यक्रम में मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि वह सैनिक पुत्र हैं और सैनिक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता। कहा कि मैं उत्तराखंड के 1.25 करोड़ वासियों की ओर से राष्ट्रपति व सभी अतिथियों का स्वागत करता हूं। सेवा के इस मिशन में हम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img
spot_img

Latest Articles

सीएम ने पीएम से की भेंट, राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर...

0
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर...

सभी विभाग अपने विभागीय कार्यों का आउटपुट इंडिकेटर तैयार करेंः मुख्य सचिव

0
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने सभी सचिवों के साथ सचिव स्तर की समीक्षा बैठक आयोजित करते हुए संबंधित विभागों को विभिन्न मुद्दों के...

भारत की न्याय व्यवस्था सिर्फ देश की सीमाओं तक सीमित नहीं: जस्टिस सूर्यकांत

0
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि भारत की न्याय व्यवस्था सिर्फ देश की सीमाओं तक सीमित नहीं है। देश...

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की वापसी 15 जुलाई को

0
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी तय हो गई है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार...

7 जुलाई से लापता त्रिपुरा की छात्रा स्नेहा देबनाथ की लाश यमुना में मिली

0
दिल्ली। महरौली थाना क्षेत्र स्थित पर्यावरण कॉम्प्लेक्स से सात जुलाई को लापता हुई 24 वर्षीय युवती स्नेहा देबनाथ की लाश बरामद हुई है। त्रिपुरा...