14.3 C
Dehradun
Tuesday, December 16, 2025


भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच हुए अमेरिका-चीन टैरिफ समझौते से हमारे देश को कितना फायदा?

मुंबई: चीन और अमेरिका ने एक संयुक्त बयान जारी कर बताया कि, वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए उनके द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापार संबंधों के महत्व देखते हुए दोनों देशों के बीच टैरिफ पर सहमति बनी है। अमेरिका और चीन इस बात पर सहमत हुए है कि वे 90 दिनों के लिए अपने पहले से घोषित पारस्परिक शुल्क और जवाबी शुल्क वापस ले लेंगे। इस बीच चीन और अमेरिकी वस्तुओं पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाएगा और अमेरिका चीनी वस्तुओं पर लगभग 30 प्रतिशत कर लगाएगा।
बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार वैश्विक स्तर पर होने वाले व्यापार में जो व्यावधान टैरिफ की वजह से पड़ रहे थे, उसके लिए यह घोषणा अच्छी है। भारत पर भी इसका असर होगा क्योंकि चीन एक बार फिर अमेरिका में अपनी वस्तुओं का व्यापार कर सकेगा और इससे भारत में डंपिंग की समस्या से निजात मिलेगी। इससे भारतीय बाजार अपनी तरह से आगे बढ़ते रहेंगे।
बाजार के वरिष्ठ विशेषज्ञ किशोर ओस्तवाल का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच बनी सहमति विश्व व्यापार के लिए अच्छी खबर है। वैश्विक स्तर पर होने वाले व्यापार में जो व्यवधान टैरिफ की वजह से पड़ रहे थे, उसके लिए यह घोषणा अच्छी है। भारत पर भी इसका असर होगा क्योंकि चीन एक बार फिर अमेरिका में अपनी वस्तुओं का व्यापार कर सकेगा और भारत में डंपिंग की समस्या नहीं होगी। टैरिफ में कमी के बाद भी भारत के बाजार में बढ़त दिख रही है। अमेरिका के लिए भारतीय बाजार काफी महत्वपूर्ण है और वह भारत को प्राथमिकता देता है। इसलिए भारतीय बाजार अपनी तरह से आगे बढ़ते रहेंगे।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइस रिसर्च के प्रमुख देवर्ष वकील कहते हैं दोनों देशों के बीच पारस्परिक टैरिफ घोषणा के बाद, बाजारों में हुए नुकसान की भरपाई होने संभावना है। अमेरिका-चीन व्यापार तनाव कम होने के संकेतों ने निवेशकों की घबराहट को कम कर दिया है। भारत के बाजारों और अर्थव्यवस्था ने पहले से ही लचीलापन दिखाया है, जो लगातार बाहरी उथल-पुथल के बाद स्थिर रही। भविष्य में वैश्विक स्तर पर और घरेलू स्तर पर कारोबार अच्छा होने के संकेत है।
इक्किरस सिक्योरिटीज की अर्थशास्त्री अनिता रंगन कहती हैं अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौता 2 अप्रैल 2025 से टैरिफ-व्यापार असहमति पर अनिश्चितता के स्तर को कम करने के लिए कुल मिलाकर सकारात्मक है। हालांकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है, इसलिए इस समझौते से विश्व को कई गुना लाभ होगा।

spot_img

Related Articles

Latest Articles

शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग ने तैयार की एसओपी

0
देहरादून। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने राजपुर रोड स्थित राज्य वन मुख्यालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक के दौरान उन्होंने मानव-वन्यजीव...

धामी सरकार की सख्ती, क्रिसमस, नववर्ष पर होटल-रेस्टोरेंट और मिठाई प्रतिष्ठानों पर विशेष खाद्य...

0
देहरादून। आगामी क्रिसमस और नववर्ष के दौरान आमजन को सुरक्षित, शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी...

‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार‘ अभियान के तहत न्याय पंचायतों में लगाए जाएंगे...

0
देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। बैठक के दौरान ‘जन-जन...

एनआईए ने दाखिल की 1597 पन्नों की चार्जशीट, पाकिस्तानी आतंकी संगठन LeT और TRF...

0
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले के मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इसमें...

गोवा नाइट क्लब अग्निकांड: लूथरा बंधुओं को लाया जाएगा भारत, एयरपोर्ट पर उतरते ही...

0
नई दिल्ली। गोवा के नाइट क्लब में आग लगने की घटना के बाद देश छोड़कर फरार हुए लुथरा बंधुओं को मंगलवार को थाईलैंड से...