14 C
Dehradun
Friday, November 22, 2024

भगवान रुद्रनाथ की भूमि पर नारद को सबसे पहले था मिला संगीत का ज्ञान |Postmanindia

हिमांशु सेमवाल

“”रुद्रप्रयागे तन्वंगि सर्वतीर्थोत्तमे शुभे .
यत्र नागाश्च शेषाद्याःतपश्चक्रुर्महात्मनः..
रुद्रनाथं नमस्कृत्य पार्वतीं परमेश्वरीम् .
देवर्षिं नारदञ्चैव प्रणमामि सुरोत्तमान्..””

अर्थात – समस्त तीर्थो में रुद्रप्रयाग सबसे शुभ और उत्तम है, यहाँ पर शेष नाम आदि तपस्या में लीन रहते है, पार्वती के सहित परमेश्वर भी भगवान रुद्रनाथ को प्रणाम करते है. समस्त देव समुदाय, देवर्षि नारद जी के ईश्वर के रुद्र रूप के समक्ष नतमस्तक होते हैं. जो भी व्यक्ति रुद्रनाथ सहित माँ पार्वती को और देवर्षिं नारद सहित अन्यसभी श्रेष्ठ देवताओं की स्तुति रुद्रनाथ की इस तपोभूमि पर करता है. ईश्वर उसका कल्याण करते हैं.

पंच प्रयागों में प्रसिद्ध रुद्रप्रयाग जहाँ पर तन मन को पवित्र करने वाली अलकनन्दा और मंदाकिनी का पवित्र संगम स्थल है. रुद्रप्रयाग के पावन तट पर भगवान श्री रुद्रनाथ जी का दिव्य मन्दिर अपनी करुणा के शांत रूप को दर्शाता है. भगवान रुद्रनाथ का सम्पूर्ण वर्णन शिव महापुराण में भी देखने को मिलता है. इस मंदिर में भगवान शिव के रौद्र रूप के शांत स्वरूप का दर्शन होता है. माना जाता है कि रुद्रप्रयाग की देवभूमि से ही सर्वप्रथम संगीत की उत्पत्ति हुई थी. पौराणिक मान्यता है कि, जब संगम तट पर खड़े होकर देवर्षि नारद जी ने शिव की तपस्या की थी, तब नीलकंठ शिव ने प्रशन्न होकर नारद जी को संगीत का ज्ञान दिया. जिसमें नारद जी ने नाद संगीत के साथ महती नाम की वीणा को प्राप्त किया.

यह पहली बीणा थी जिससे संगीत के सुरों की उत्पत्ति हुई. तभी से मान्यता है कि, संपूर्ण विश्व मे संगीत की सर्वप्रथम भारत मे उत्पत्ति हुई. जसके बाद नारद जी ने “हरी नाम का संकीर्तन” कर जन मानुष को पवित्र किया. कहा जाता है कि आज भी विशेष पर्वों पर रुद्रनाथ मंदिर में रात्रि के समय वीणा का स्वर सुनाई देता है. आचार्य दीपक नौटियाल के अनुसार जो भी निसन्तान दंपत्ति रुद्रनाथ जी की पूजा आराधना करती है, रुद्रनाथ जी की कृपा से निसन्तान को सन्तान की प्राप्ति होती है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि, रुद्रनाथ जी की कृपा से असाध्य रोग भी भक्ति करने से ठीक हो जाता है, जिसको प्रमाणिकता  के तौर पर महसूस भी किया गया है. वहीं प्रत्येक दिन वेद भवन सँस्कृत महाविद्यालय के छात्र वेद ध्वनि से भगवान का स्तुवन करते है. भगवान रुद्रनाथ की कृपा इतनी असीम है कि, जो भी भगवान की सेवा करता है. उसे कभी भी बाबा भूखा नही रखते. लेकिन इस भूमि पर जिसने भी धन, बैभव का घमंड किया उसका पतन भी सीघ्र होता है. साथ ही मंदिर परिसर में सदैव ही पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है.

यह भी पढ़ें: उत्तरकाशी अपडेट: SDRF द्वारा रेस्क्यू जारी, एक परिवार के 3 शव बरामद, सीएम ने जताया खेद

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img

Latest Articles

कंपनी गार्डन अब अटल उद्यान के नाम से जाना जाएगा

0
मसूरी। मसूरी में नगर पालिका परिषद द्वारा कंपनी गार्डन के नए नाम अटल उद्यान पार्क के उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कार्यक्रम...

विश्वविद्यालय के हाथों में होगी समर्थ पोर्टल की कमानः डॉ. धन सिंह रावत

0
श्रीनगर/देहरादून। उच्च शिक्षा विभाग में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश को लेकर सामने आई दिक्कतों को मध्यनज़र रखते हुये समर्थ पोर्टल का संचालन...

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय खेल तैयारियों की हर सप्ताह समीक्षा करने के...

0
देहरादून। चारधाम यात्रा के सकुशल सम्पन्न होने के साथ ही प्रदेश सरकार, आगामी चारधाम यात्रा की तैयारी में जुट गई है। चार धाम यात्रा...

सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए विस्थापन की कार्यवाही जल्द...

0
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने...

जम्मू: कृष्णा घाटी में एलओसी पर आग.. बारूदी सुरंगों में धमाके, पीओके की तरफ...

0
जम्मू: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओके) में लगी आग बुधवार शाम मेंढर इलाके में भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा स्थित कृष्णा घाटी क्षेत्र में पहुंच...