उत्तराखंड एसटीएफ ने अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. भारत नेपाल बॉर्डर से वन्यजीवों की खाल और अंगों की तस्करी में संलिप्त तस्कर को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. इस दौरान एक आरोपी मौका पाकर फरार हो गया है. आरोपियों के पास छह लैपर्ड की खाल, गुलदार के नाखून, दांत, एक वाहन ऑल्टो, के साथ 01 अभियुक्त को गिरफ्तार किया है. मामले में वन्य जीव जंतु संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
उत्तराखंड में वन्यजीवों के अंगों की तस्करी को लेकर एसटीएफ को लगातार इनपुट मिल रहे थे. इसके लिए एसटीएफ द्वारा वन्य जीव जंतु के अंगो की अवैध तस्करी में लिप्त तस्करों के खिलाफ गिरफ्तारी अभियान चलाया जा रहा है. इस कार्रवाई में उत्तराखण्ड एसटीएफ की एक टीम लगातार उत्तराखण्ड के सीमावर्ती जनपदों में इन वन्य जीव जन्तूओं तथा इनके अंगो के अवैध तस्करों की तलाश में सक्रिय है.
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सूचना प्राप्त हुई कि जनपद पिथौरागढ़ के सेरा घाट क्षेत्र में दो वन्य जीव जन्तू के अंगो के अन्तर्राष्ट्रीय तस्कर वन्य जीव जन्तू के अंगो की तस्करी करने की फिराक मे है. सूचना पर एसटीएफ की कुमॉऊ युनिट को सतर्क कर निरीक्षक एमपी सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. उक्त सूचना पर स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा सेराघाट क्षेत्र में एक अभियुक्त राहुल सिंह डसीला पुत्र स्वर्गीय प्रताप सिंह डसीला निवासी ग्राम सेरा उर्फ बडोली थाना बेरीनाग, जिला पिथौरागढ़ उम्र 20 वर्ष को जीव जंतु अंगों के अंतर्राष्ट्रीय तस्कर को 06 अदद लैपर्ड की खाल नाजायज व गुलदार के 43 नाखून व 24 दांत व एक वाहन ऑल्टो सँख्या UKO5 C 3938 के साथ गिरफ्तार किया गया. तथा उसका साथी सोनू डोभाल पुत्र स्वर्गीय कैलाश सिंह डोभाल, निवासी शेरा बडोली सेराघाट, जिला पिथौरागढ़ उम्र 25 वर्ष जंगल में अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया. लेपर्ड वाइल्डलाइफ एक्ट में शेड्यूल 1 श्रेणी में आता है. अभियुक्त के विरुद्ध थाना बेरीनाग में वन्य जीव जन्तू संरक्षण अधिनियम की सम्बन्धित धाराओं का अभियोग पंजीकृत किया गया.
पूछताछ में बताई ये बात
गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि वह यह लैपर्ड की खाल सेराघाट के जंगलों में करंट लगाकर मारते हैं तथा फिर ऊंची कीमतों में नेपाल के वन्यजीव तस्करों को बेचते हैं. इससे पूर्व भी 2019 में गिरफ्तार अभियुक्त व उसका फरार साथी नेपाल में एक खाल बेच चुके हैं. यह खाल करीब एक से दो वर्ष पुरानी है . बरामद 6 खालो की अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब पचास लाख रूपया है. अभियुक्त इस लैपर्ड की खाल को नेपाल में किस-किस को सप्लाई करता है, इस सम्बन्ध में अभियुक्त से विस्तृत पूछताछ जारी है.
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