प्रदेश में कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए 18 से 45 वर्ष आयुवर्ग के सभी लोगों को निशुल्क टीका लगेगा, जिसकी आबादी करीब 50 लाख है. जिसका खर्च लगभग 450 करोड़ का खर्च सरकार करेगी
- 18 से 45 वर्ष आयुवर्ग में लगने वाले टीके में 90 प्रतिशत कोविशील्ड तथा 10 प्रतिशत कोवैक्सीन का टीका लगेगा
- प्रदेश में वैक्सीन की आपूर्ति यथाशीघ्र हो इसके लिए त्वरित अग्रिम भुगतान हेतु महानिदेशक चिकित्सा तथा चिकित्सा शिक्षा को अधिकृत गया है. तथा सचिव उद्योग सचिन कुर्वे को वैक्सीन उपलब्ध कराने का दायित्व सौंपा गया है.
- रेमडेसिविर इंजेक्शन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और शीघ्र आपूर्ति हेतु शत शत प्रतिशत अग्रिम भुगतान का प्रावधान किया गया है. तथा आपूर्ति को बैंक गारंटी व अर्नेस्ट मनी आदि की औपचारिकताओं से इसे मुक्त रखा गया है.
- सार्वजनिक स्थानों व परिसरों में मास्क ना पहनने वालों पर लगाए जाने वाले जुर्माने की धनराशि में बढ़ोतरी करते हुए 500, 700 कर दिया गया है.
- राजकीय मेडिकल कालेजों में आउस सोर्सिंग से कार्यरत 479 कर्मियों की सेवा विस्तार का निर्णय लिया है.
- महाकुंभ हरिद्वार में स्थापित आधार चिकित्सालय व बाबा बर्फानी चिकित्सालयों को फिलहाल यथावत रखा जाएगा.
- स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर तैनात किए गए चिकित्सकों व अन्य कर्मियों को पूर्व की भांति यथावत रखा जाएगा.
- जिन जगहों पर कर्फ्यू लगाया गया है, वहाँ इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा.
- कोविड कफर्यू के दौरान मीडिया कवरेज हुए पत्रकारों के प्रेस कार्ड को ही कर्फ्यू पास माना जाएगा.
- कोरोना कर्फ्यू के दौरान कामकाज प्रभावित ना हो इसके लिए मजदूरों को भी आवाजाही की छूट होगी.
- उपनल कार्मियों की समस्याओं के निस्तारण के संबंध में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया, जिसमें अपर मुख्य सचिव कार्मिक एवं सचिव वित्त को भी सदस्य बनाया गया है.
- त्रिस्तरी पंचायत व्यवस्था के अंतर्गत जिला पंचायत और निदेशालय ढांचे को मंजूरी प्रदान करते हुए 570 पदों को स्वीकृत किया गया है.
- कैबिनेट ने राज्य की जनता से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और घर से बाहर अनावश्यक न निकलने की अपील की है. जनजागरूकता और जनसहभागिता से ही कोविड पर विजय पाई जा सकती है.
- राज्य के पब्लिक डेबिट मैनुअल के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. इसके तहत राज्य सरकार द्वारा आरबीआई के माध्यम से बाजार से लिए जाने वाले ऋण की प्रक्रिया को परिभाषित किया गया है.
- डीआईटी और यूनिसन विवि अधिनियमों में मामूली संशोधन किया गया है.