कोरोना संक्रमण के बीच शादी की तैयारियों को इसका सबसे बड़ा धक्का लगा है। उत्तराखंड में शादी को लेकर शासनादेश के बाद घर परिवारों द्वारा की गई तैयारियों में बट्टा लग गया है। नैनीताल जिले में शादी के आयोजन के लिए भी पूर्व अनुमति अनिवार्य कर दी गई है। हालांकि शासनादेश के बाद शादी से जुड़े लोगों के लिए राहत भरी खबर भी आई है।
कोरोना का बढ़ना विवाह आयोजित कर रहे परिवारों को चिंता में धकेल रहा है. तमाम गाइडलाइंस से भी असमंजस की स्थिति बन रही है. बता दें कि विवाह समारोह पर किसी भी तरह की रोक नहीं है. बस सारे नियमों का पालन होना चाहिए. हालांकि शादी के समारोह के आयोजन हेतु पहले से अनुमति लेना भी जरूरी कर दिया गया है.
बता दें कि नए आदेशों के मुताबिक उत्तराखंड में शादी के फंक्शन में केवल 100 ही लोगों को अनुमति दी जाएगी. बहरहाल इससे उन परिवारों को नुकसान हो सकता है जिन्होंने पहले से होटल या बैंक्वेट हॉल बुक कर दिए हैं.
इसके अलावा मंगलवार रात को जारी हुए मुख्य सचिव के आदेशों से शादी समारोहों से जुड़े लोगों को खासा राहत भी मिली है. आदेशों के अनुसार शादी और संबंधित समारोह के लिए बैक्विट हॉल/सामुदायिक हॉल और विवाह समारोह से संबंधित व्यक्तियों/वाहनों की आवाजाही हेतु निर्धारित समय के प्रतिबंधों से छूट प्रदान की जाएगी.
क्या हैं अनुमति लेने के नियम
- सादे कागज पर दूल्हा, दूल्हन पक्ष का नाम, पता व विवाह स्थल, विवाह तिथि लिखकर आवेदन किया जा सकता है.
- आवेदन पत्र के साथ दूल्हा, दूल्हन के आधार की प्रति लगा सकते हैं.
- संबंधित थाना, चौकी क्षेत्र से लिखित में अनुमति लेनी होगी.
- राजस्व पुलिस के दायरे में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र में तहसीलदार अथवा एसडीएम कार्यालय से भी अनुमति प्राप्त कर सकते हैं