18.5 C
Dehradun
Friday, October 18, 2024

24 कोच की नजर आएंगी वंदे भारत एक्सप्रेस

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सेमी हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत में बड़ा बदलाव करने जा रही है। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे अब 24 डिब्बे वाली वंदे भारत ट्रेन बनाने जा रहा है। यदि ऐसी ट्रेन बनती है, तो वंदे भारत प्रीमियम ट्रेनों में सबसे लंबी ट्रेन बन जाएगी। अब तक इस श्रेणी में केवल राजधानी एक्सप्रेस है। इस ट्रेन में अधिकतम 22 कोच जोड़े जाते हैं।
दरअसल, पिछले दिनों वंदे भारत ट्रेनों के कोच बनाने को लेकर 35 हजार करोड़ रुपये के टेंडर कैंसिल हो गए थे। इसका इसका टेंडर लेने वाली कंपनी ने ज्यादा पैसे की डिमांड थी। लेकिन रेलवे अपने तय मानकों पर टिका रहा। इसके चलते ये टेंडर रद्द करना पड़ा। ऐसे में अब रेलवे ने फिर से टेंडर तैयार किया है। इसमें व्यापक तौर पर बदलाव किए गए हैं, ताकि इस बार इसे रद्द नहीं करना पड़े।
रेलवे पुराने टेंडर में 200 स्लीपर वर्जन की वंदे भारत ट्रेन बनाने का ऑर्डर था। इसमें हर ट्रेन में 16 कोच लगाने थे। इसके अलावा कंपनी को इन ट्रेनों का अगले 35 साल तक मेंटेनेंस भी देखना था। इस कॉन्ट्रैक्ट के एल-1 बोलीदाता को लातूर में मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री में 120 ट्रेन सेट का उत्पादन करना था, जबकि एल-2 बोलीदाता चेन्नई में आईसीएफ में 80 ट्रेन सेट के लिए जिम्मेदार था। अब रेल मंत्रालय द्वारा वर्क ऑफ स्कोप में हाल ही में किए गए बदलाव के तहत अब 24 कोचों वाले 80 ट्रेन सेटों के उत्पादन की आवश्यकता है।
नए टेंडर के तहत हर ट्रेन सेट के लिए 120 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत रखी गई है। नए ऑर्डर में सिर्फ 80 ट्रेनें चलाए जाने की तैयारी है। प्रत्येक ट्रेन में 24 कोच लगाए जाएंगे। महाराष्ट्र के लातूर में बनी फैक्ट्री को यह टेंडर इस साल नवंबर तक हैंडओवर कर दिया जाएगा। इस ट्रेंडर को रेल विकास निगम लिमिटेड और रूस का कंसोर्टियम पूरा करेगा। इस ऑर्डर का पहला प्रोटोटाइप सितंबर, 2025 तक पेश कर दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को 4 कंपनियां किनेट रेलवे सॉल्यूशंस, जेवी-इंडिया रेल विकास निगम लिमिटेड, रसियन इंजीनियरिंग कंपनी मेट्रोवॉगोन्मेश और लोकोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम मिलकर पूरा करेंगे। पहली दोनों कंपनियां 25 फीसदी, दूसरी 70 फीसदी और तीसरी 5 फीसदी ट्रेनों का निर्माण पूरा करेंगी।
इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत 12 वंदे भारत ट्रेनों का पहला बैच प्रोटोटाइप आने के एक साल के भीतर आना है। प्रोटोटाइप सितंबर, 2025 में आएगा तो पहला बैच सितंबर, 2026 तक आ जाना चाहिए। इसके बाद दूसरे साल 18 ट्रेनों का बैच बनाया जाएगा। फिर हर साल 25 ट्रेनें उतारी जाएंगी। इन ट्रेनों की मेंटेनेंस सुविधाओं को जोधपुर, दिल्ली और बैंगलोर में विकसित किया जाएगा।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img

Latest Articles

छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में तीर-धनुष से पुलिस पर हमला, 13 जख्मी; पेड़ों...

0
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले के अंतर्गत हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर गुरुवार को ग्रामीण और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए।...

हरियाणा में करारी हार के बाद AAP ने लिया बड़ा फैसला, महाराष्ट्र और झारखंड...

0
नई दिल्ली। हरियाणा में अनूकुल परिणाम नहीं मिलने की वजह से अब आम आदमी पार्टी महाराष्ट्र एवं झारखंड में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। पार्टी...

मैं आयुर्वेद और समग्र जीवनशैली का प्रबल समर्थक हूं: मुख्य न्यायाधीश

0
नई दिल्ली। आयुर्वेद को समग्र स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती बनाए रखने के लिए आवश्यक बताते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार...

इमरजेंसी लैंडिंग के 16 घंटे बाद मुनस्यारी पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त

0
देहरादून। इमरजेंसी लैंडिंग के बाद उत्तराखंड की पिथौरागढ़ जिले में चीन के कब्जे वाले तिब्बत बॉर्डर के नजदीक फंसे भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त...

सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाने की...

0
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरुवार को राजभवन ऑडिटोरियम में विश्व ट्रॉमा दिवस के अवसर पर एम्स ऋषिकेश द्वारा आयोजित...