28 C
Dehradun
Wednesday, June 25, 2025

नवरात्रि का दूसरा दिन है मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित, जानें पूजा विधि और महत्व

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। आज यानी 16 अक्तूबर को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। ये मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप और नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं। मां दुर्गा का यह स्वरूप ज्योर्तिमय है। ब्रह्मा की इच्छाशक्ति और तपस्विनी का आचरण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है।

साथ ही कुंडली में मंगल ग्रह से जुड़े सारे दोषों से मुक्ति मिल जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से सभी कार्य पूरे होते हैं, रुकावटें दूर होती हैं और विजय की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जीवन से हर तरह की परेशानियां भी खत्म होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, कथा, मंत्र आदि के बारे में…

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त पर उठकर स्नान कर लें।

पूजा के लिए सबसे पहले आसन बिछाएं इसके बाद आसन पर बैठकर मां की पूजा करें।

माता को फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाएं।

ब्रह्मचारिणी मां को भोगस्वरूप पंचामृत चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं।

साथ ही माता को पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें।

इसके उपरांत देवी ब्रह्मचारिणी मां के मंत्रों का जाप करें और फिर मां की आरती करें।

कैसा है मां ब्रह्माचारिणी स्वरूप

देवी ब्रह्मचारिणी साक्षात ब्रह्म का स्वरूप है अर्थात तपस्या का मूर्तिमान रूप है। ब्रह्म का मतलब तपस्या होता है, तो वहीं चारिणी का मतलब आचरण करने वाली। इस तरह ब्रह्माचारिणी का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली देवी। मां ब्रह्माचारिणी के दाहिने हाथ में मंत्र जपने की माला और बाएं में कमंडल है।

मां ब्रह्माचारिणी मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

मां ब्रह्मचारिणी आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img
spot_img

Latest Articles

पीएम मोदी की तारीफ को लेकर थरूर ने दी सफाई, कहा-यह भाजपा में शामिल...

0
तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की वैश्विक पहुंच पर उनका लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी में...

एक मोबाइल ने ले ली तीन की जान: कुएं में थी जहरीली गैस, अंदर...

0
शिकोहाबाद: यूपी के शिकोहाबाद में मोबाइल निकालने कुएं में उतरे चाचा-भतीजों को बाहर निकालने में प्रशासन की लेटलतीफी एवं बदइंतजामी सामने आई। फायर ब्रिगेड...

देश के कई हवाई अड्डों की डीजीसीए ने जांच की; विमानन प्रणाली में मिली...

0
नई दिल्ली: अहमदाबाद विमान हादसे और हवाई सेवाओं से जुड़ी तमाम घटनाओं के बाद देश के प्रमुख हवाई अड्डों और एयरलाइंस की हाल ही...

भारतीय वन्यजीव संस्थान करेगा भारतीय संरक्षण सम्मेलन की मेजबानी

0
-केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव करेंगे सम्मेलन का उद्धघाटन देहरादून। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई),...

निर्वाचन आयोग बिहार में शुरू करेगा मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण

0
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आज बिहार राज्य में विशेष सघन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) कराने के निर्देश जारी किए...