उपनल कर्मचारी महासंघ उत्तराखंड के बैनर तले बीते 22 फरवरी चल रहा धरना प्रदर्शन 44 वें दिन भी जारी रहा.धरना स्थल पर विभिन्न जनपदों से आए कर्मचारियों द्वारा आंदोलन के 43 दिन पूर्ण हो जाने के फलस्वरुप भी शासन द्वारा उपनल कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण हेतु गठित कमेटी द्वारा अतिथि तक उपनल कर्मचारियों के मामले में न तो कोई बैठक ही की गई है और ना ही उपनल कर्मचारी महासंघ के नामित पदाधिकारियों को ही वार्ता हेतु आमंत्रित किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर उपनल कर्मचारियों आज से भूख हड़ताल का फैसला लिया गया. भूख हड़ताल पर महेश भट्ट, योगेंद्र बडोनी, गरिमा डोभाल व दीपा नेगी बैठे हैं.
आपको बताते चलें कि प्रदेश के 22 हज़ार उपनलकर्मी अपनी माँगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. दरअसल राज्य की ओर हाई कोर्ट के नवंबर 2018 के एक आदेश को सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दाखिल की गई है. जिसमें राज्य सरकार को उपनल कर्मियों को समान काम के लिए समान वेतन देने, चरणबद्ध तरीके से उपनल कर्मचारियों को राजकीय सेवाओं में समायोजित करने व उपनल कर्मियों के वेतन से जीएसटी व सर्विस टैक्स न काटे जाने के निर्देश दिए गए हैं. उपनल कर्मियों की मांग है कि इन सभी मांगो को पूरा करते हुए राज्य सरकार इस पर जल्द फ़ैसला ले.
धरने में मुख्य संयोजक आंदोलन महेश भट्ट, महामंत्री हेमन्त रावत, विनोद गोदियाल, दीपक चौहान, विजय राम खंखरियाल, विपिन सवाल, भावेश जगूड़ी, हरीश कोठारी, हरीश पनेरु, दीवान सिंह, अमित लाल, रविंद्र सिंह बिष्ट, ललित नेगी, कमलेश्वर कंसवाल, भारतेंदु नेगी, योगेंद्र बडोनी, दीपा नेगी, गरिमा डोभाल, विनय कुमार, विनय प्रसाद, विवेक भट्ट, बहादुर सिंह भाकुनी, हिमांशु जुयाल, तरपन सिंह चौहान, कपिल डोभाल, राकेश राणा दीपक भट्ट, मुकेश नेगी, विमल गुप्ता, राहुल राणा, नीमा, वंदना, सरस्वती, रश्मि, मनीषा, अनमोल, के साथ-साथ विभिन्न जनपदों से आए अनेक उपनल कार्मिक उपस्थित रहे.
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