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Friday, September 12, 2025


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‘भारत हमारे सबसे अहम साझेदारों में शामिल’, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो का बड़ा बयान

न्यूयॉर्क/ वॉशिंगटन: अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह भारत को अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में रखता है। सर्जियो गोर की नियुक्ति से यह संकेत और मजबूत होता है कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका के संबंध और गहरे होंगे, खासकर व्यापार, रक्षा, और क्षेत्रीय सुरक्षा के क्षेत्रों में।
इस समय ‘असाधारण बदलाव’ के दौर से गुजर रहा है और आने वाले समय में यह और मजबूत होगा। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंध समिति में उस समय बोल रहे थे, जब भारत में अमेरिका के नए राजदूत के लिए नामित सर्जियो गोर की पुष्टि की प्रक्रिया चल रही थी।
मार्को रुबियो ने इस दौरान कहा, भारत न केवल आज बल्कि भविष्य के लिहाज से भी हमारे लिए बेहद अहम है। आने वाले समय में दुनिया का राजनीतिक और आर्थिक नक्शा काफी हद तक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तय होगा, और भारत इस क्षेत्र का केंद्र है। इसलिए से हमने अपनी सैन्य कमांड का नाम भी बदलकर इंडो-पैसिफिक कमांड कर दिया है। मार्को रुबियो का यह बयान ऐसे समय आया है जब दुनिया में भू-राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र वैश्विक राजनीति का केंद्र बनता जा रहा है।
पिछले महीने, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि वे सर्जियो गोर, जो कि अभी डायरेक्टर ऑफ प्रेसीडेंशियल पर्सनल हैं, को भारत में अगला अमेरिकी राजदूत और दक्षिण व मध्य एशियाई मामलों के विशेष दूत के रूप में नियुक्त कर रहे हैं। यदि उनकी नियुक्ति सीनेट से मंजूरी पा लेती है, तो 38 वर्षीय गोर भारत में अब तक के सबसे कम उम्र के अमेरिकी राजदूत बन जाएंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने सर्जियो गोर की तारीफ करते हुए कहा कि वह राष्ट्रपति ट्रंप के बेहद करीबी हैं और उनके पास सीधा राष्ट्रपति से बात करने और फैसले करवाने की ताकत है। उन्होंने कहा, ‘जब कोई प्रतिनिधि सीधे व्हाइट हाउस और राष्ट्रपति तक पहुंच रखता है, तो वह उस देश के साथ रिश्तों को और तेजी से आगे बढ़ा सकता है। गोर के पास यह क्षमता और भरोसा दोनों है। मुझे नहीं लगता कि कोई और व्यक्ति इस पद के लिए उनसे बेहतर हो सकता है।’
मार्को रुबियो ने यह भी कहा कि आने वाले समय में भारत और अमेरिका के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने की जरूरत होगी। इसमें यूक्रेन युद्ध, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा संतुलन, और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे विषय शामिल होंगे। उन्होंने इस साझेदारी को अमेरिका की वैश्विक रणनीति का अहम हिस्सा बताया और कहा कि भारत के साथ मजबूत रिश्ते न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं। ‘हम इस समय भारत के साथ एक ऐसे दौर में हैं जहां नए अवसर सामने आ रहे हैं। यह रिश्ता आने वाले दशकों तक दुनिया की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।’

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