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Sunday, September 8, 2024

कोविड 19 जागरूकता का नया तरीका, वाहनों पर ‘कोरोना शायरी’ से हो रही जनजागरूकता |Postmanindia

“देखो मगर प्यार से…. कोरोना डरता है वैक्सीन की मार से”, जी हां, ऐसे शब्द आपको भी कभी यूं हीं राह चलते किसी आती-जाती गाड़ी, ट्रक, टेम्पो या ऑटो के पीछे लिखे मिल सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि गाड़ियों के पीछे ऐसा एक्सपेरिमेंट किस लिए किया गया है? दरअसल, इसके पीछे की साइकोलॉजी ये है कि सफर करते वक्त हमारी नजरे इधर-उधर कई चीजों को देखती हैं, जिसमें कि सबसे खास होता है, आगे जाने वाले वाहन और अचानक से बगल से तेजी से गुजरती गाड़ियां, जिनको देखकर कई बार हमारे जहन में कुछ अलग ख्याल भी आते हैं, फिर यदि उन गाड़ियों पर कुछ लिखा हो तो हम अपने को अक्सर उसे पढ़े बिना नहीं रोक पाते हैं.

लंबे समय तक याद रहती हैं ऐसी शायरी

हमारी नजरें ट्रक, टेम्पो, या अन्य किसी गाड़ी के पीछे लिखी शायरी पर चली ही जाती है, जिसमें कि हम कई ऐसी शायरी पढ़ते हैं, जो सामजिक जागरूकता का सन्देश देती हुई दिखाई देती हैं. कई बार राजनीति से प्रेरित शायरी भी पढ़ने को मिलती हैं, तो कुछ दिल के अरमां आंसुओं में बह गए जैसी भी. ऐसी शायरी में ड्राइवरों का दर्द झलकता है तो कुछ में मौज मस्ती होती है. इनकी भाषा, शैली और अंदाज के कारण यह लोगों को गुदगुदाती भी हैं और लंबे समय तक याद भी रहती हैं. इसलिए इन दिनों एक संस्था ने यह बीड़ा ही उठा रखा है कि वह वाहनों के पीछे प्रेरणा देने वाले शब्दों का लेखन कराती रहेगी.

रोचक है ये कोरोना शायरी

टीकाकरण को लेकर व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता के लिए ‘सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी’ ने ‘ट्रकों पर कोरोना शायरी’ की अनूठी पहल शुरू की है. सोसायटी ने कोरोना शायरी उसी रोचक और मौजी अंदाज में लिखीं हैं जैसी आप ट्रकों के पीछे पढ़ते हैं. इसमें अनेक भावों के साथ वैक्सीन लगवाने और मास्क का निरंतर उपयोग करने के संदेश है.

कुछ इस प्रकार की हैं ये कोरोना शायरी

  • मैं खूबसूरत हूं मुझे नजर न लगाना, जिंदगी भर साथ दूंगी, वैक्सीन जरूर लगवाना
  • हंस मत पगली, प्यार हो जाएगा, टीका लगवा ले, कोरोना हार जाएगा
  • टीका लगवाओगे तो बार-बार मिलेंगे, लापरवाही करोगे तो हरिद्वार मिलेंगे
  • यदि करते रहना है सौंदर्य दर्शन रोज-रोज, तो पहले लगवा लो वैक्सीन के दोनों डोज
  • टीका नहीं लगवाने से, यमराज बहुत खुश होता है.
  • चलती है गाड़ी, उड़ती है धूल, वैक्सीन लगवा लो वरना होगी बड़ी भूल
  • बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला, अच्छा होता है वैक्सीन लगवाने वाला
  • कोरोना से सावधानी हटी, तो समझो सब्जी-पूड़ी बंटी
  • मालिक तो महान है, चमचों से परेशान है. कोरोना से बचने का, टीका ही समाधान है.

लोक संचार के माध्यमों का उपयोग

इसके अलावा लोक संचार के माध्यमों जैसे कठपुतली, नुक्कड़ नाटक, लोक गीत और संगीत के माध्यम से भी निरंतर जागरूकता गतिविधियां की जा रही हैं. बता दें, सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट विज्ञान संचार और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में कार्य करती है. इसके साथ ही सोसायटी द्वारा कोरोना जागरूकता रथ चलाया जा रहा है, जो कि गांवों और शहरों में जाकर ऑडियो-वीडियो संदेश लेकर लोगों के बीच पहुंचता है.

यह भी पढ़ें: सहकारी संघ की बैठक के बड़े ऐलान, मेडिकल टूरिज़्म को मिलेगा बढ़ावा, रानीखेत में बनेगा औषधि बागान

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